जनता की आवाज़
तो अब सरकारी नौकरी पाना होगा आसान
देहरादून। आज हम देश के उन तीन करोड़ युवाओं की बात करेंगे जो हर साल रोजगार हासिल करने के लिए एएससी, रेलवे और बैंकिंग की प्रारंभिक परीक्षाएं देते हैं। सरकार ने इन तीनों विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाओं के सिस्टम को खत्म कर दिया है और इनकी जगह कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट सीईटी कराने का फैसला लिया है। केन्द्र सरकार के इस फैसले से युवाओं के चेहरे पर खुशी और बड़ी राहत देखने को मिल रही है तो एक्सपर्ट इसे एक ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं। मोदी सरकार के इस फैसले से उन युवाओं ने राहत की सांस ली है जो केन्द्र में सरकारी नौकरी की तैयारियों में लगे हुए थे। इससे न सिर्फ युवाओं को मानसिक स्तर पर बड़ी राहत मिली है साथ ही बार-बार फार्म भरने वाले खर्च में भी बचत हो गई है।
अब नहीं देनी होगी अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाएं
किसी भी व्यक्ति के जीवन में रोजगार बहुत महत्वपूर्ण होता है और भारत के करोड़ों युवा इसी सपने के साथ बड़े होते हैं कि एक न एक दिन वो सरकारी नौकरी कर पाएंगे। लेकिन आज के बाद से सरकारी नौकरी पाने का रास्ता पूरी तरह से बदल जाएगा और ये पहले से आसान भी हो जाएगा। अब भारत के करोड़ों युवाओं को बैंकिंग, रेलवे और स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की मुख्य परीक्षाओं में बैठने के लिए अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाएं नहीं देनी होंगी। इससे पहले इन विभागों के लिए तीन चरण में परीक्षाएं देनी होती थी। सबसे पहले प्रारंभिक परीक्षा होती थी, इसके बाद मुख्य परीक्षा और आखिर में इंटरव्यू के जरिए किसी उम्मीदवार का चयन किया जाता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब इन अलग-अलग सरकारी विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं नहीं देनी होंगी, बल्कि इन तीनों के लिए एक ही टेस्ट का आयोजन होगा। पहले हर प्रारंभिक परीक्षा के लिए अलग आवेदन पत्र और अलग परीक्षा केंद्र होते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब एक ही परीक्षा, एक ही परीक्षा केंद्र और एक ही आवेदन पत्र से काम चल जाएगा। सरकारी नौकरी के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे युवाओं ने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए उनके लिये राहत भरा कदम बताया।
मुख्य परीक्षा में चयन के लिये एक ही परीक्षा करनी होगी पास
देश में फिलहाल 20 भर्ती एजेंसियां हैं जो अलग-अलग सरकारी नौकरियों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित करवाती हैं, लेकिन अब राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानि एनआरए के गठन के बाद वर्ष 2021 से एएससी, रेलवे और बैंकिंग में मुख्य परीक्षा में चयन के लिए एक ही परीक्षा पास करनी होगी। इससे फायदा ये होगा कि सीईटी की परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार ये फैसला कर सकता है कि उसे सबसे पहले बैंकिंग की मुख्य परीक्षा देनी है या फिर रेलवे और एसएससी की मुख्य परीक्षा देनी है। सीईटी में हासिल किए गए अंकों यानी मार्क्स की वैधता तीन साल की होगी यानी अगर कोई युवा चाहे तो इन्हीं नंबर्स के आधार पर पहले साल रेलवे, दूसरे साल बैंकिंग और तीसरे साल एसएससी की परीक्षा दे सकता है। ये हम आपको सिर्फ उदाहरण के लिए समझा रहे हैं। तीन वर्षों के दौरान ये परीक्षाएं देने का क्रम कुछ भी हो सकता है और ये उम्मीदवार की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वो पहले कौन सी मुख्य परीक्षा देना चाहता है।
एक्सर्पट ने बताया युवाओं के लिये ऐतिहासिक फैसला
एक्सर्पट भी सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक और सराकरी नौकरी की तैयारियों में लगे युवाओं के लिये बड़ी राहत भरा बता रहे हैं। देहरादून में कई सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा रहे सृष्टि सिविल क्लासेज के डायेक्टर नरेन्द्र सिंह रावत के मुताबिक इससे प्रतियोगी परीक्षाओं पर लगने वाले पैंसे और समय दोनों की बचत होगी। उम्मीदवारों को सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि तीन प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए एक ही आवेदन करना होगा, एक ही शुल्क देना होगा और एक ही बार एग्जाम में बैठना होगा यानी इससे पैसा और समय बचेगा और अलग अलग परीक्षाओं के तनाव से छुटकारा मिल जाएगा। वहीं बेरोजगार युवाओं की समस्याओं की लड़ाई लडने वाले उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाॅबी पंवार ने भी मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ की और युवाओं के हित में बताया।
12 भाषाओं में प्रश्नपत्र हल करने का विकल्प
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी अभी एक वर्ष में 2 बार सीईटी का आयोजन करेगी। इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव सवालों वाले प्रश्नपत्र होंगे। इन परीक्षाओं में अभी तक केवल 2 भाषाओं में ही प्रश्न पूछे जाते थे और ये भाषाएं आम तौर पर हिंदी और अंग्रेजी ही हुआ करती थीं। लेकिन अब छात्रों को 12 भाषाओं में प्रश्नपत्र हल करने का विकल्प दिया गया है। भविष्य में इन परीक्षाओं का आयोजन भारत की सभी 22 आधिकारिक भाषाओं में कराया जाएगा यानी उम्मीदवार जल्द ही अपनी क्षेत्रीय भाषा में भी ये परीक्षा दे पाएंगे। राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी देख रहे उत्तराखंड अधीनस्त सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने कहा कि युवाओं को तीन साल तक स्कोर इम्पूर्व करने का मौका मिलेगा। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे
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