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बदरी-केदार में VIP दर्शन के लिए देना होगा शुल्क, मंदिर समिति की बैठक में लिए गए अहम निर्णय

उत्तराखंड

बदरी-केदार में VIP दर्शन के लिए देना होगा शुल्क, मंदिर समिति की बैठक में लिए गए अहम निर्णय

श्री बदरीनाथ – केदारनाथ समिति (बीकेटीसी) की बोर्ड बैठक में आगामी वित्त वर्ष 2023 – 24 के लिए 76,25,76,618 रूपए का बजट प्रस्तावित किया। बोर्ड बैठक में आगामी यात्रा को लेकर भी विस्तृत कार्ययोजना को स्वीकृति दी गयी।

बीकेटीसी के कैनाल रोड स्थित कार्यालय में अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आगामी बजट को बोर्ड के समक्ष रखा गया। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बजट प्रस्तुत करते हुए इसमें श्री बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 39,90,57,492 करोड़ और श्री केदारनाथ अधिष्ठान के लिए 36,35,19,126 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित है। बजट में विगत वर्ष की 65,53,11,583 करोड़ की आय के मुकाबले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 94,26,23,042 करोड़ रुपए की प्रस्तावित आय का लक्ष्य रखा गया है।

विशेष दर्शनों के लिए 300 रूपये का शुल्क: बीकेटीसी ने पिछले दिनों देश के चार प्रमुख मंदिरों से तिरुपति बाला जी, श्री वैष्णो देवी, श्री महाकालेश्वर व श्री सोमनाथ मंदिरों में पूजा, दर्शन आदि व्यवस्थाओं के प्रबंधन के अध्ययन के लिए चार दल भेजे थे। उनकी रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर बीकेटीसी ने श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ मंदिरों के दर्शनों के लिए आने वाले सभी तरह के वीआईपी से विशेष दर्शनों व प्रसाद के लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रूपये का शुल्क निर्धारित किया है।

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बीकेटीसी के कार्मिक ही देखेंगे प्रोटोकॉल की व्यवस्था: प्रोटोकॉल के तहत दर्शनों के लिए आने वाले वीआईपी आदि को बीकेटीसी के कार्मिक ही मंदिरों में दर्शन कराने और प्रसाद वितरण इत्यादि की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे वीआईपी सुविधा के नाम पर अव्यवस्था पैदा नहीं होगी। अभी तक वीआईपी को दर्शन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन, बीकेटीसी आदि अपने – अपने तरीके से दर्शन व्यवस्था संभालते हैं।

बीकेटीसी के कार्मिक नहीं लेंगे दान –दक्षिणा: श्रद्धालु मंदिर के लिए जो भी दान अथवा चढ़ावा देते हैं, उसे बीकेटीसी के वेतनधारी पुजारी और कर्मचारी ग्रहण नहीं करेंगे। पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिक श्रद्धालुओं को दान – चढ़ावे को दान पात्र में डालने को प्रेरित करेंगे। अन्यथा कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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दान- चढ़ावे की गिनती के लिए विशेष व्यवस्था: मंदिरों को मिलने वाली दान चढ़ावे की गिनती के लिए पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए दोनों धामों में पारदर्शी शीशे के हट बनाये जाएंगे। इनको सीसीटीवी कैमरों से लेस किया जाएगा।

सूचना प्रौद्योगिकी इकाई की स्थापना: बीकेटीसी में आइटी संबंधी कार्यों को मजबूती देने के लिए स्वयं की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई गठित जाएगी। इससे ई-ऑफिस की स्थापना, विभिन्न अनुभागों को कम्प्यूटरीकृत करने आदि में आसानी होगी।

अस्थायी कार्मिकों को ईपीएफ सुविधा: बीकेटीसी के अस्थायी कार्मिकों के भविष्यगत लाभों को संरक्षित करने की दृष्टि से उन्हें ईपीएफ की सुविधा दी जाएगी।

जूनियर इंजिनियर सहित एक महिला कर्मी बर्खास्त: बीकेटीसी में स्थिर वेतन पर जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात दीपक रावत और एक अस्थायी महिला कार्मिक कमला को लंबी अवधि से अपने कार्य स्थल से अनुपस्थित रहने पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है।

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केदारनाथ धाम में लगेगा 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल: केदारनाथ धाम आगामी यात्राकाल के प्रारम्भ में एक दानीदाता के सहयोग से 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ के जीर्ण शीर्ण सभा मंडप का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।

विद्यापीठ में तैयार होंगे आयुर्वेदिक उत्पाद: बीकेटीसी ने विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में वर्तमान में बंद पड़ी आयुर्वेदिक फार्मेसी को फिर से शुरू कर विभिन्न उत्पाद तैयार करने का निर्णय लिया है। इससे बीकेटीसी द्वारा संचालित आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों को प्रैक्टिकल की सुविधा भी हासिल होगी।

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Author: Shakshi Negi
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