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CBSE एक बार फिर बदलने जा रहा बोर्ड एग्जाम प्रक्रिया, पढ़िए पूरी खबर

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CBSE एक बार फिर बदलने जा रहा बोर्ड एग्जाम प्रक्रिया, पढ़िए पूरी खबर

CBSE Exam Pattern: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) एक बार फिर से बोर्ड एग्जाम प्रक्रिया बदलने जा रहा है। सीबीएसई की ओर से एसबीई यानी (Single Board Exam) प्रक्रिया पुन: बहाल करने की तैयारी चल रही है। कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण सीबीएसई द्वारा इसे टीबीई (Term Based Exam) में बदल दिया गया था। अब फिर से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से प्रक्रिया में बदलाव किया जा सकता है। कई मीडिया रिपोर्टों में सीबीएसई अधिकारियों के हवाले से इसकी संभावना जताई गई है।

बोर्ड परीक्षाओं को दो टर्म में नहीं बांटा जाएगा: दावा किया जा रहा है कि सीबीएसई सिंगल बोर्ड एग्जाम को बहाल करने का जल्द निर्णय ले सकता है। वैश्विक संक्रामक महामारी कोविड-19 के पहले तक बोर्ड की ओर छात्रों के मूल्यांकन में यही प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। जानकारी के अनुसार, सिंगल बोर्ड एग्जाम अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जाएगा। इसका साफ मतलब है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को दो टर्म में नहीं बांटा जाएगा। हालांकि, शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिए, सीबीएसई ने परीक्षाओं को दो टर्म में विभाजित कर दिया था।

टर्म आधारित है सीबीएसई वर्तमान बोर्ड परीक्षा पैटर्न: सीबीएसई एडुकेटर और शिक्षाविद डॉ रंजीत सिंह बताते हैं कि वर्तमान योजना के अनुसार, सीबीएसई की पहले सत्र यानी टर्म-1 की बोर्ड परीक्षाएं पिछले साल यानी दिसंबर 2021 में आयोजित की गई थी और अब टर्म-2 परीक्षाएं 26 अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाली हैं। इसके लिए एडमिट कार्ड पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इससे पहले तो कोरोना 19 महामारी की दूसरी लहर के कारण 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के लिए बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के बाद निर्णय किया गया था। उस दौरान छात्रों का मूल्यांकन पिछली परीक्षाओं, व्यावहारिक परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन में उनके अंकों के आधार पर किया गया था।

टर्म परीक्षाओं को कहा जाएगा टाटा-बाय-बाय: डॉ रंजीत सिंह ने बताया कि सीबीएसई ने कभी यह घोषणा नहीं की कि दो-टर्म परीक्षा प्रारूप अब से लगातार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि यह कोरोना के कारण एक बार का फॉर्मूला था। हालात वैसे ही रहते तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता था। अब जबकि स्कूल पूरी क्षमता से खुल चुके हैं तो परीक्षा पैटर्न भी वापस से बदले जाने की जरूरत है। इसलिए, टर्म आधारित परीक्षाओं को टाटा-बाय-बाय कहने का वक्त आ गया है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि सिलेबस में बदलाव होगा या नहीं इस पर अभी कहना मुश्किल है। इसके लिए एनसीईआरटी के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।

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Author: Shakshi Negi
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