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चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए भी RFID पर होगा विचार, IIM रोहतक ने रिपोर्ट तैयार की

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए भी RFID पर होगा विचार, IIM रोहतक ने रिपोर्ट तैयार की

आईआईएम रोहतक के निदेशक और उनकी टीम ने चारधाम यात्रा की धारण क्षमता और मानक प्रचालन प्रक्रिया को सुधारने व श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को अधिक से अधिक सुखद, सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए रिपोर्ट में शामिल सुझावों पर चर्चा की।प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन और आधार बेस्ड रजिस्ट्रेशन पर विचार करेगी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) रोहतक ने चारधाम यात्रा के सुरक्षित और सुगम संचालन की अध्ययन रिपोर्ट तैयार की है। मंगलवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने समीक्षा के बाद अधिकारियों को रिपोर्ट के आधार पर यात्रा का एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। रिपोर्ट में चारों धामों में दर्शन के लिए बैच वाइज व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में यात्रियों के लिए मेडिकल सुविधा को लेकर भी सुझाव है।

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आपातकालीन सेवाओं की पुख्ता व्यवस्था, यात्रा के प्रभावी प्रबंधन एवं मॉनिटरिंग तथा स्थानीय इकोलॉजी को संरक्षित करते हुए स्थानीय आर्थिकी को मजबूत करने जैसे मुद्दों का विशेष फोकस करने के भी निर्देश दिए। आईआईएम रोहतक के निदेशक और उनकी टीम ने चारधाम यात्रा की धारण क्षमता और मानक प्रचालन प्रक्रिया को सुधारने व श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को अधिक से अधिक सुखद, सुरक्षित व सुगम बनाने के लिए रिपोर्ट में शामिल सुझावों पर चर्चा की।सीएस ने निर्देश दिए कि एक्शन प्लान के लिए चारों धामों की धारण क्षमता के सटीक आंकलन का प्रयास किया जाए। उन्होंने एक्शन प्लान में सड़कों की स्थिति में सुधार, ट्रैफिक जाम, कपाट खुलने के बाद धामों में प्रथम 40 दिनों में ओवर क्राउडिंग की समस्या के समाधान, श्रद्धालुओं की फीडबैक की व्यवस्था को प्रमुखता से रखने के निर्देश दिए।

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इसके साथ ही चारधाम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत एक एसएमएस वेदर अपडेट सिस्टम लागू करने, यात्रा रूट पर पीपी मॉडल या सीएसआर के तहत मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने, धामों में भीड़ नियंत्रण के लिए बैच वाइज दर्शन की व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया गया। बैठक में अपर मुख्य सचिव, सचिव पर्यटन, कमिश्नर गढ़वाल सहित अन्य अधिकारी तथा आईआईएम रोहतक के निदेशक व उनकी टीम मौजूद रही। आरएफआइडी पहचान का एक स्वचालित तरीका है जो गैर-संपर्क वायरलेस रेडियो फ्रीक्वेंसी सिग्नल का उपयोग करता है। इसमें सूचना को RFID टैग या स्मार्ट लेबल में डिजिटल रूप से एम्बेड किया जाता है। डाटा ट्रांसमिशन ऐसे रीडर और चल वस्तु के बीच होता है जिसे पता लगाया जा सकता है और मॉनिटर किया जा सकता है।

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Author: Shakshi Negi
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