उत्तराखंड
नकली दवाई की फैक्ट्री में पुलिस ने मारा छापा, दो आरोपी गिरफ्तार, करोड़ों का माल बरामद
दून पुलिस ने हरिद्वार में गुरुग्राम की नामी दवा कंपनी जगसनपाल फार्मास्युटिकल के नाम की नकली दवाइयां बना रही फैक्ट्री पकड़ी है, जिसे दो दोस्त चला रहे थे। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई दवा कंपनी की शिकायत पर की गई। आरोपित नकली दवा की आपूर्ति उत्तराखंड के साथ ही दिल्ली, बंगाल और उत्तर प्रदेश में करते थे। यह काम देहरादून के रायपुर में स्थित एक मेडिकल शाप से होता था, जोकि आरोपितों में से एक का है। उनके ठिकानों से नकली दवा के 29 लाख से अधिक कैप्सूल, दवा बनाने के उपकरण, कच्चा माल व अन्य सामग्री बरामद की गई है। फैक्ट्री से वाल्टर बुशनेल कंपनी की एक पेटी दवाइयां भी मिली हैं।
पुलिस को आरोपितों के 23 बैंक खातों का भी पता चला है। इनमें दो खाते फ्रीज करा दिए गए हैं, जिनमें 65 लाख रुपये जमा हैं। पुलिस के अनुसार, आरोपितों ने दवा के काले कारोबार से पिछले 10 माह में करोड़ों की संपत्ति अर्जित करते की। एसएसपी अजय सिंह ने रविवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पिछले दिनों जगसनपाल फार्मास्युटिकल लिमिटेड के कानूनी सलाहकार विक्रम सिंह रावत निवासी अपेक्स टावर अशोक विहार गुरुग्राम (हरियाणा) ने पत्र भेजकर इसकी शिकायत की थी।
जिसमें बताया गया कि देहरादून में अमन विहार स्थित मेडिकल शाप एसएस मेडिकोज का स्वामी सचिन शर्मा कुछ व्यक्तियों के साथ मिलकर उनकी कंपनी के नाम से नकली दवाइयां तैयार कर उनकी बिक्री कर रहा है। इस पर पुलिस ने शनिवार रात सचिन शर्मा मूल निवासी अशोकापुरम, दिल्ली रोड, मंगलौर रुड़की हाल निवासी अमेजन कालोनी सहस्रधारा रोड रायपुर और उसके साथी विकास कुमार निवासी ग्राम बेड़ाआसा, थाना सिखेडा जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) को रायपुर के पास गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित सचिन की इस कार में जगसनपाल कंपनी की इंडोकेप और इंडोकेप-एसआर दवा की पैकिंग वाले 24 डिब्बे मिले, जिसमें 7200 कैप्सूल थे। आरोपितों की ओर से इन दवाओं के नकली कैप्सूल की बड़े पैमाने पर बिक्री की बात सामने आई है। इन दवाओं का उपयोग दर्द व सूजन कम करने के लिए किया जाता है। आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वह नकली दवाइयां हरिद्वार के झबरेड़ा स्थित मकदूमपुर में एक फैक्ट्री में बनाते हैं, जबकि नकली दवाइयां और उससे संबंधित सामग्री रुड़की में गोदावरी स्थित एक फ्लैट में रखी हुई है। यह फ्लैट सचिन शर्मा का है। फैक्ट्री और गोदाम को सील कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपितों ने दवा के काले कारोबार से पिछले 10 माह में करोड़ों रुपये अर्जित किए। इस धनराशि से सचिन ने रेंज रोवर कार, कई बीघा जमीन और फ्लैट खरीदे हैं। विकास ने भी महंगी गाड़ी खरीदने के साथ बड़ी मात्रा में संपत्ति बनाई है।
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