उत्तराखंड
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की होती है पूजा, मां को पसंद हैं ये 9 भोग, यहां जानिए कब लगाएं किस देवी को पसंदीदा भोग…
धर्म संस्क्रति। नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत ही महत्व है। मां दुर्गा के नौ रूपों की अराधना का पावन पर्व शुरू हो चुका है। सिद्ध पीठ माँ चंद्रबदनी धाम के पुरोहित पंडित आदित्य सिमल्टी कहते हैं कि नौ दिनों में पूरी भक्ति से मां दुर्गा की उपासना की जाएगी। नवरात्रि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग ढंग से मनाई जाती है। नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्रि के नौ दिनों तक दुर्गा मां के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के अंतिम दिन को महानवमी कहा जाता है और इस दिन कन्या पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में किस दिन माता के किस स्वरूप को पूजा जाएगा।
नवरात्रि में मां के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं साथ ही इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग चढ़ाकर मां का आशीर्वाद भी पाया जा सकता है।
मां शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को सफेद चीज पसंद है। इस दिन सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है।
मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भेग लगाया जाता है। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।
मां चंद्रघंटा
नवरात्रि के तिसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।
मां कुष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं। इसके बाद प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान कर दें और खुद भी खाएं। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी।
मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है।
मां कात्यायनी
नवरात्रि के षष्ठी तिथि के दिन देवी के पूजन में मधु का महत्व बताया गया है। इस दिन प्रसाद में मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है।
मां कालरात्रि
नवरात्रि के सप्तमी तिथि के दिन भगवती की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है।
मां महागौरी
नवरात्रि के अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं। नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी
मां सिद्धिदात्री
नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें. इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है
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