उत्तराखंड
जांच को पांच महीने से लंबित रखना दारोगा को पड़ा महंगा, SSP ने किया सस्पेंड
पांच महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एक केस की जांच को लंबित रखना उप निरीक्षक को महंगा पड़ गया है. एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कार्य में लापरवाही करने के मामले में उप निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया. साथ ही उन्होंने अधीनस्थों को निर्देश दिए कि अगर किसी विवेचक द्वारा बेवजह केस को लंबित रखा जाएगा, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.
जनपद की कमान संभालने के बाद से ही एसएसपी मणिकांत मिश्रा सख्त दिखाई दे रहे हैं. वन विभाग की सूचना के बावजूद भी कार्य में लापरवाही बरतने के मामले में चौकी इंचार्ज को एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद दिनेशपुर थाने में तैनात सिपाही को पत्नी से मारपीट करने के मामले में भी सस्पेंड किया गया था.
दरअसल, एक दर्ज केस में उप निरीक्षक द्वारा पांच माह से अधिक विवेचना को लंबित रखा गया था. जिसके बाद एसएसपी ने काशीपुर में तैनात उप निरीक्षक मनोज जोशी को कार्य में लापरवाही करने के मामले में सस्पेंड कर दिया है. मामले की जांच अब सीओ काशीपुर को सौंपी गई है. इसके अलावा उन्होंने सभी कर्मचारियों से कहा कि अगर कोई भी कर्मचारी कार्य में लापरवाही करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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