उत्तराखंड
करन माहरा वायरल वीडियो मामला: बीजेपी ने की कांग्रेस की घेराबंदी, गढ़वाली समाज की महिलाओ ने फूका कांग्रेस अध्यक्ष का पुतला
देहरादून 27 जुलाई, कांग्रेस नेताओं की अप्पत्तिजनक टिप्पणियों से पर आक्रोशित हुए, विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री विनोद चमोली ने इसे कांग्रेस में थूकने की प्रतियोगिता करार दिया है। उन्होंने कहा, उत्तराखंड पीकदान नही, लिहाजा कांग्रेस का विपक्ष में भी रहना राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों के ज़बाब देते हुए धर्मपुर विधायक श्री विनोद चमोली ने आरोप लगाया कि इसे सिर्फ दो नेताओं के बयान नहीं समझना चाहिए बल्कि यह कांग्रेस पार्टी का औपचारिक बयान है । क्योंकि उनके प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने और साथ में मनीष ने भी गढ़वाल और उत्तराखंड की जनता के प्रति अपनी कलुषित भावनाओं को जाहिर किया है । उन्होंने तंज कसते हुए कहा, लगता है कांग्रेस नेताओं में थूकने की प्रतियोगिता चल रही है । उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, उत्तराखंड पीकदान नही है जो कोई भी थूके, आने वाले समय में प्रदेश की जनता उन्हे पहले से भी करारा सबक सिखायेगी। उन्होंने कहा, जिस तरह की भावना कांग्रेस उत्तराखंड के प्रति रखती है उसके चलते उनका विपक्षी पार्टी के रूप में भी होना प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है ।
भाजपा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बाद मनीष खंडूरी का अपमानजनक बयान भी सामने आने के बाद, कांग्रेस पार्टी को राजनैतिक दुष्परिणाम भुगतने के लिए चेताया है । एक के बाद एक गढ़वाल एवं उत्तराखंड के लिए कांग्रेस नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियां सामने आने के बाद से भाजपा में बेहद आक्रोश है । पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कहा, अपमानजनक भाषा का प्रयोग कांग्रेस पार्टी की नीति और रीति का हिस्सा है । इससे पूर्व भी उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर एक पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया था ठीक ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल उनके स्थानीय नेता गढ़वाल और उत्तराखंड के लिए कर रहे हैं । उन्होंने चेताते हुए कहा, पहले भी उन्हें ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए जनता ने उन्हें सबक सिखाया था और आगे भी उन्हें राजनीतिक दुष्परिणाम झेलने पड़ेंगे। उन्होंने कहा, यदि उनके राजनीतिक कार्यक्रमों में जनता नहीं आएगी तो अपनी पीड़ा को इस तरह जाहिर करना शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है । सार्वजनिक जिंदगी में एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता द्वारा इस तरह की शब्दावली के इस्तेमाल को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
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