उत्तराखंड
जोशीमठ भू-धंसाव: विपक्षियों ने की मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात, जनहित के लिए रखी ये मांगे
सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिला कांग्रेस का प्रतिनिमंडल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सीएम से मुलाक़ात के दौरान मौजूद रहें इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने जोशीमठ में होने वाले राहत कार्यों में तेजी लाने का आग्रह सीएम धामी से किया वही वर्तमान में जोशीमठ की स्थिति पर उन्होंने चिंता जताई वही सीएम ने कांग्रेस के नेताओं से ज्ञापन लिया और साफ किया की सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी इस अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत औरपूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी मौजूद रहें।
जैसा कि आप विदित ही हैं कि चमोली जनपद मे जोशीमठ नगर उत्तराखण्ड राज्य का एक ऐतिहासिक, पौराणिक धार्मिक नगर होने के साथ ही आदिगुरु संकराचार्य द्वारा स्थापित ज्योतिर्मठ नगर भी है जिसे भगवान श्रीबद्रीविशाल के तीर्थ स्थल का प्रवेश द्वार कहा जाता है। विगत कुछ माह से जोशीमठ क्षेत्र में घटी भारी भू स्खलन की अप्रिय घटनाओं के चलते न केवल जोशीमठ नगर पर संकट छाया है अपितु इस मानव रचित दैवीय आपदा के कारण वहां पर निवास करने वाले हजारों लोगों के सामने बेघर होने का संकट खड़ा हो गया है।
कांग्रेस पार्टी आपके संज्ञान में लाना चाहती है कि संयुक्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भूगर्भ वैज्ञानिकों की सलाह पर वर्ष 1976 में गठित मिश्रा कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट मे स्पष्ट रूप से जोशीमठ नगर को बचाये रखने के लिए यहां पर भारी निर्माण कार्यों पर रोक लगाये जाने की सिफारिश करने के साथ ही जोशीमठ नगर को बचाने के लिए कुछ रचनात्मक सुझाव भी दिये गये थे, परन्तु मिश्रा कमेटी के सुझावों पर अमल न करने तथा समय रहते ठोस कदम न उठाये जाने के कारण आज जोशीमठ नगर का अस्तित्व संकट में पड़ गया है। जोशीमठ क्षेत्र मे लगातार घट रही भू-स्खलन की घटनाओं से सैकड़ों आवासीय मकानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं ऐसी स्थिति में भयावह त्रासदी से भारी जनहानि का सामना करना पड़ सकता है। भूगर्भ शास्त्रियों की पूर्व चेतावनी के बावजूद राज्य सरकार द्वारा दैवीय आपदा संभावित क्षेत्र में सुरक्षा के कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं जिससे जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के मन में दहशत का माहौल व्याप्त है। स्थानीय लोगों की जानमाल की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु समय रहते समुचित कदम उठाने के साथ ही संवेदनशील क्षेत्र के लोगों के उचित विस्थापन की व्यवस्था की जानी चाहिए।
कांग्रेस पार्टी आपसे मांग करती है कि:-
1. जोशीमठ नगर को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाये जाय तथा जोशीमठ त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।
2. आपदा पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से दिये जाने वाले किराया मुआबजे को 5000 हजार रुपए से बढ़ाकर 15000 रूपये किया जाय।
3. आपदा के चलते जिन लोगों के आवासीय मकान एवं व्यावसायिक भवनों को नुकसान हुआ है उन्हें श्रीबद्रीनाथ जी की तर्ज पर 76 लाख रूपये प्रति नाली की दर से मुआवजे का भुगतान किया जाय।
4. आपदा से प्रभावित क्षेत्र के लोगों के विस्थापन के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की जाय तथा प्रभावित क्षेत्र के लोगों का टिहरी बांध विस्थापितों की भांति सुरक्षित स्थानों पर एकमुश्त विस्थापन किया जाय।
5. जोशीमठ क्षेत्र में खोदी गई सुरंगों को तुरंत बंद किया जाए तथा लोहारीनाग पाला और पाला – मनेरी परियोजना की सुरंगों को भरने का काम तुरंत शुरू किया जाए।
6. एन.टी.पी.सी. के साथ पूर्व में हुए समझौते के अनुपालन में जोशीमठ क्षेत्र के समस्त आवासीय मकानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का बीमा कराया जाय तथा इस मानव रचित आपदा के लिए एन.टी.पी.सी. की सुरंग को एक कारक के तौर पर जिम्मेदार मानते हुए लोगों को हुए नुकसान की भरपाई एन.टी.पी.सी. से कराई जाय
7. रेलवे एवं अन्य परियोजनाओं को गहन वैज्ञानिक अध्ययन के उपरान्त ही चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दी जाए तथा पर्वतीय क्षेत्र के दैवीय आपदा संभावित क्षेत्रों में अनियंत्रित विकास को रोका जाय।
हमारा आपसे आग्रह है कि जोशीमठ नगर के ऐतिहासिक, पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जानमाल को दृष्टिगत रखते हुए मिश्रा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने तथा आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को उचित मुआवजा एवं उनके समुचित विस्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित करवाने का कष्ट करें।
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