Connect with us

केदारनाथ यात्रा मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में प्रशासन कर रहा है त्वरित कार्रवाई

उत्तराखंड

केदारनाथ यात्रा मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में प्रशासन कर रहा है त्वरित कार्रवाई

अति संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं आधुनिक उपकरण, रिस्पॉन्स टाइम केवल 5 मिनट

रुद्रप्रयाग। मानसून काल के दौरान केदारनाथ यात्रा मार्ग पर प्राकृतिक आपदाओं की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। यात्रा मार्ग के अवरुद्ध होने की स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है।

30 मिनट में मार्ग होता है सुचारू, तैनात हैं आवश्यक संसाधन

अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग ओंमकार पांडे ने जानकारी दी कि मार्ग में अवरोध उत्पन्न होने की स्थिति में केवल 5 मिनट के भीतर राहत दल मौके पर पहुंचता है और सामान्य परिस्थितियों में औसतन 30 मिनट के भीतर मार्ग को सुचारू कर दिया जाता है तथा भारी वर्षा होने एवं बड़े बोल्डर आने की स्थिति में अधिकतम 3 से 4 घंटों में मार्ग को सुचारू किया जाता है। यह त्वरित प्रतिक्रिया यात्रा की निर्बाधता और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

यह भी पढ़ें -  कांवड़ मेला 2025- पांच राज्यों के अफसरों के साथ इंटरस्टेट समन्वय बैठक सम्पन्न

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक तीन अति संवेदनशील क्षेत्र चिन्हित

उन्होंने बताया कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच केदारनाथ मार्ग पर तीन अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है। इन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है तथा जेसीबी, पोकलैंड, मेडिकल स्टाफ एवं राहत सामग्री सहित सभी आवश्यक उपकरण एवं कार्मिक तैनात हैं। इसके अतिरिक्त सोनप्रयाग, मुनकटिया, काकरागाढ़ सहित अन्य 17 संवेदनशील स्थलों पर जेसीबी मशीनें निरंतर तैनात की गई है जो मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में तत्काल मलवा हटाने तथा मार्ग को सुचारू करने का कार्य करती है।

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर संभावित अवरोधों को देखते हुए राहत बलों की तैनाती

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ की टीमें सतर्क, संवेदनशील स्थलों पर मुस्तैद

वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा मार्ग पर संभावित मार्ग अवरोध तथा यात्रियों के फंसे होने की स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य हेतु जिला प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें विभिन्न संवेदनशील स्थलों पर तैनात की गई हैं।

यह भी पढ़ें -  26 किमी रिस्पना - बिंदाल एलिवेटेड रोड के लिए केंद्र से अनुरोध- सीएम धामी

संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी, फील्ड पर सक्रिय हैं टीमें

जिला प्रशासन द्वारा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड, भीमबली, जंगलचट्टी, लिनचोली व अन्य संभावित जोखिम वाले स्थानों को चिह्नित किया गया है। इन स्थानों पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ तथा डीडीआरएफ की टीमें आधुनिक उपकरणों, वायरलेस संचार, प्राथमिक उपचार सामग्री तथा राहत संसाधनों के साथ पूर्ण रूप से तैयार हैं।

फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने की मुकम्मल व्यवस्था

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा ऐसे स्थानों पर यात्रियों के फंसे होने की स्थिति में सुरक्षित निकासी की पूर्व योजना तैयार की गई है। राहत टीमों को रेस्क्यू, प्राथमिक चिकित्सा, संचार और मार्ग बहाली की विशेष ट्रेनिंग दी गई है।

यह भी पढ़ें -  मुख्यमंत्री धामी से भेंट कर बीआईएस प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड में मानकीकरण से जुड़ी प्रमुख पहलुओं पर की चर्चा

प्रशासन की सतर्क निगरानी, नियमित निरीक्षण जारी

जिलाधिकारी प्रतीक जैन स्वयं यात्रा मार्ग की स्थिति पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल रेस्पॉन्स हो तथा यात्रियों की सुरक्षा में कोई कमी न आने पाए।

सुरक्षा सर्वोपरि: यात्रियों से सतर्क रहने की अपील

जिला प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए सावधानीपूर्वक यात्रा करें, प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों एवं दिशा-निर्देशों का पालन करें, और किसी भी आपदा की स्थिति में घबराएं नहीं, बल्कि राहत टीमों से संपर्क करें।

जिला प्रशासन पूरी तत्परता, समन्वय और सतर्कता के साथ केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित एवं व्यवस्थित बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

Continue Reading

More in उत्तराखंड

Latest News

Author

Author: Shakshi Negi
Website: www.gairsainlive.com
Email: gairsainlive@gmail.com
Phone: +91 9720310305