उत्तराखंड
हरिद्वार और गढ़वाल सीट पर नए चेहरों की एंट्री, तीरथ और निशंक का कटा टिकट; क्या होगा राजनीतिक भविष्य
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सभी पांच सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर दिए हैं. तीन लोकसभा सीटों पर पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने नाम तय कर दिए थे और इन पर मौजूदा सांसदों को ही एक बार फिर टिकट दिया था. वहीं दूसरी सूची में पार्टी ने दो लोकसभा सीट पर सांसदों के टिकट काटते हुए नए चेहरों को तवज्जो दी है. हरिद्वार लोकसभा सीट पर रमेश पोखरियाल निशंक को टिकट की दौड़ से बाहर करते ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया गया है. जबकि गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत पर भरोसा ना जताकर अनिल बलूनी को टिकट दिया गया है. हरिद्वार लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट देने का फैसला लिया गया है. दरअसल, इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के ही रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं. टिकट के एक बड़े दावेदार के रूप में उन्हें फाइनल माना जा रहा था. लेकिन पार्टी ने सभी को चौंकाते हुए रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काट दिया है और उनकी जगह त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया गया है.
रमेश पोखरियाल निशंक को लेकर सामान्य रूप से एक चर्चा और भी सामने आ रही है. माना जा रहा है कि महेंद्र भट्ट के राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद अब निशंक को संगठन के अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी दी जा सकती है. रमेश पोखरियाल निशंक का प्रबंध काफी मजबूत माना जाता है और ऐसे में संगठन की कमान उन्हें दिए जाने पर भी विचार हो सकता है. तीरथ सिंह रावत के बयान भी हमेशा उन्हें चर्चाओं में लाते रहे हैं. माना जा रहा है कि उनके विवादित बयानों के कारण भी उनको टिकट तक पहुंचाने के रास्ते में खासी अड़चन आई है. इस मामले में भी वरिष्ठ पत्रकार भगीरथ शर्मा कहते हैं कि एक तरफ जहां अनिल बलूनी का केंद्रीय हाईकमान के करीब होना तीरथ सिंह रावत के लिए मुश्किल बना तो वहीं तीरथ सिंह रावत के विवादित बयान ने उन्हें इस रस से बाहर कर दिया.
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