Connect with us

दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण को सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध- मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड

दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण को सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध- मुख्यमंत्री धामी

प्रदेश के सभी जिलों में बनेगा वृद्धाश्रम, 6 लाख बुजुर्गों को डीबीटी से पेंशन

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक संवाद के तहत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग शादी अनुदान एवं राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर लॉच किया एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत दी जा रही पेंशन की इस वित्तीय वर्ष की 5वीं किश्त का ऑनलाइन भुगतान किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन अनुदान धनराशि 25 हजार रूपये से बढ़ाकर 50 हजार रूपये किया जायेगा। दिव्यांग छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु आय सीमा को समाप्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक वृद्धाश्रम की व्यवस्था की जायेगी।

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांगजनों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सबके आशीर्वाद से ही उन्हें राज्य के मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने की ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संवाद के पीछे भी उनका यही मंतव्य था कि वो सबकी समस्याओं, आवश्यकताओं को सीधे तौर पर जान सकें, जिससे उनके समाधान के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए जा सकें। कहा कि कई बार सरकार के स्तर पर नीतियाँ और योजनाएँ तो बन जाती हैं, परन्तु उन योजनाओं का वास्तविक लाभ तभी मिल पाता है जब वे जमीनी स्तर तक पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से पहुँचें। साथ ही लाभार्थी भी ये महसूस करें कि सरकार ने उनकी ज़िंदगी को आसान और बेहतर बनाने का कार्य किया है।

यह भी पढ़ें -  प्रदेश में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई हाईवे मलबा गिरने से बंद

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण के निरंतर प्रयास किए जा रहें हैं। प्रधानमंत्री ने ही सर्वप्रथम “विकलांग” की जगह “दिव्यांग” शब्द को अपनाकर दिव्यांगजनों में आत्मसम्मान का संचार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।

आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिव्यांग सशक्तिकरण अधिनियम 2016, सुगम्य भारत अभियान, ए.डी.आई.पी. योजना, दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना, दिव्यांगजन स्वालम्बन योजना तथा दिव्यांगजन छात्रवृत्ति एवं पेंशन योजना जैसी अनेकों योजनाओं के माध्यम से दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में 96 हज़ार से अधिक दिव्यांगजनों को पेंशन प्रदान की जा रही है। जहां एक ओर 18 वर्ष से अधिक आयु के 86 हज़ार से अधिक दिव्यांगजनों को 1500 रुपए की मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है, वहीं 18 वर्ष से कम आयु के 8 हज़ार से अधिक दिव्यांग बच्चों के भरण-पोषण एवं देखभाल हेतु प्रतिमाह 700 रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है।

यह भी पढ़ें -  सीएम धामी ने आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की, प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि देने के दिए निर्देश

इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए लोगों को तीलू रौतेली पेंशन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 12 सौ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही, 4 फुट से कम ऊँचाई वाले व्यक्तियों को बौना पेंशन के माध्यम से प्रतिमाह 12 सौ रुपए भी प्रदान किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना” के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्ति से विवाह करने पर 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है। आज इस योजना से जुड़े सॉफ्टवेयर के लोकार्पण से योजना का लाभ पारदर्शिता के साथ पात्र लाभार्थियों को मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दिन पहले ही देहरादून में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का शुभारंभ किया गया है। जहां दिव्यांगजनों विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को Early Intervention की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में ऐसे दिव्याशा केंद्र राज्य के समस्त जनपदों में खोलने का प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस योजना के अंतर्गत राज्य के लगभग 6 लाख वृद्धजनों को डीबीटी के माध्यम से पेंशन की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है। इसके साथ ही सरकार राज्य के सभी जनपदों में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था भी सुदृढ़ कर रही है। वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चम्पावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल सहित विभिन्न क्षेत्रों में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी कार्यरत हैं।

यह भी पढ़ें -  गौरीकुंड मार्ग पर बड़ा हादसा, यात्रियों से भरी गाड़ी पर गिरा बड़ा बोल्डर, दो की मौत

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बदलते समय के साथ रिश्तों में आई चुनौतियों को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू किया है। इसके माध्यम से हमारे बुजुर्गों को यह कानूनी अधिकार प्राप्त हो जाता है कि वे अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की मांग कर सकें। उन्होंने वरिष्ठजनों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि आपका ये बेटा कभी आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आने देगा।

कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास, सविता कपूर, मेयर सौरभ थपलियाल, उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद नवीन वर्मा,शांति मेहरा, सचिव समाज कल्याण श्रीधर बाबू अदह्यांकी, अपर सचिव प्रकाश चन्द्र, निदेशक समाज कल्याण चन्द्र सिंह धर्मशक्तू, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया उपस्थित रहे।

Continue Reading

More in उत्तराखंड

Latest News

Author

Author: Shakshi Negi
Website: www.gairsainlive.com
Email: gairsainlive@gmail.com
Phone: +91 9720310305