उत्तराखंड
विदेशों में पढ़ाई कर रहे उत्तराखंडी छात्रों के लिए खुशखबरी, प्रवासी बोर्ड से समस्याओं का होगा जल्द समाधान
देहरादून में आयोजित इस काॅन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि सीएस ने विदेश मंत्रालय की विदेश संपर्क योजना का स्वागत किया। विदेशों में बसे उत्तराखंड के मूल निवासियों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार उत्तराखंड प्रवासी बोर्ड का गठन करेगी। राज्य में उत्तराखंड प्रवासी प्रकोष्ठ का गठन पहले ही हो चुका है। यह जानकारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी। वह विदेश मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार के साझा प्रयास से आयोजित विदेश संपर्क स्टेट आउटरीज काॅन्फ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। देहरादून में आयोजित इस काॅन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि सीएस ने विदेश मंत्रालय की विदेश संपर्क योजना का स्वागत किया। कहा, इस पहल से राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों व हितधारकों को केंद्र सरकार द्वारा प्रवासियों के हित में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मिलेगी।
कहा, कई देशों में रहने वाले उत्तराखंड के प्रवासियों की समस्याओं के समाधान में भी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विदेशों में रह रहे उत्तराखंड के मूल निवासियों की शिकायतों के समाधान और उनके हितों की रक्षा के लिए एक प्रवासी बोर्ड गठित किया जा रहा है। कहा, विदेशों में शिक्षा के लिए जाने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रक्रियाओं, प्लेसमेंट एजेंसियों के सेंसटाइजेशन, सुरक्षित व कानूनी माइग्रेशन, वैवाहिक विवाद, मृतकों के पार्थिव शरीर व अवशेषों की वापसी की प्रक्रियाओं की जानकारी, प्रवासियों के संबंध में डेटा शेयरिंग का विशेष महत्व है।
कहा, हमारे लिए अन्य राज्यों में अपने प्रवासियों की सुविधा और कल्याण के लिए अपनाई जा रही श्रेष्ठ पद्धतियों की जानकारी भी जरूरी है। हमारे समक्ष साइबर क्राइम भी एक बड़ी चुनौती है। विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी एंड ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने कहा, विदेश संपर्क प्रोग्राम का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को गहरा करना तथा उनसे संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए राज्य सरकारों के साथ साझेदारी करना है। कहा, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक की राज्य सरकारों के साथ आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। संयुक्त सचिव (डीई) विदेश मंत्रालय अंकन बनर्जी ने प्रवासी भारतीय समुदाय संग जुड़ाव, विदेश में भारतीय महिलाओं, भारतीय छात्रों से जुड़े मुद्दों, एनआरआई/पीआईओ के अधिकार व कानूनी मुद्दे, राज्यों में एनआरआई संस्थान, प्रवासी भारतीयों के लिए विदेश मंत्रालय की योजनाओं तथा डेटा का संग्रह जैसे विषयों पर चर्चा की।
संयुक्त सचिव बिनॉय जॉर्ज ने विदेश में मरने वाले भारतीय नागरिकों के पार्थिव अवशेषों के परिवहन, काउंसलर शिकायत निवारण पोर्टल, उत्तराखंड में राज्य स्तर पर काउंसलर एक्सेस की प्रक्रिया, राष्ट्रीयता सत्यापन, विदेशियों तक काउंसलर एक्सेस और सजायाफ्ता व्यक्तियों का स्थानांतरण जैसे मसलों की जानकारी दी। अनु सचिव (ईडी) विदेश मंत्रालय रशेल गर्ग ने व्यापार व निवेश के अवसरों व चुनौतियों के बारे में बताया। बैठक में उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सभी विभागीय सचिव, सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व विदेश मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे।
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