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मुख्यमंत्री ने किया उत्तराखंड के पहले साथी केंद्र का शुभारम्भ

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मुख्यमंत्री ने किया उत्तराखंड के पहले साथी केंद्र का शुभारम्भ

खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आईआईटी कानपुर के सहयोग से हेमवती नन्दन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खटीमा में ‘‘साथी केंद्र’’ का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक स्तर पर सुधार लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया। उन्होंने कहा कि आज इस नीति के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में देश के समस्त विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समान अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2023 में साथी प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से, आज आईआईटी और आईआईएससी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर ऑनलाइन क्लासेज द्वारा विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं। आज यह प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग, मेडिकल, बैंकिंग, रेलवे और क्लैट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए दूरस्थ क्षेत्रों और निर्धन परिवारों के विद्यार्थियों सहित अन्य सभी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र में 80 छात्रों को ऑफलाइन कोचिंग और मेंटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सुविधा का सीधा लाभ खटीमा और आसपास के ग्रामीण अंचलों के सभी प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज देशभर में 15 लाख से अधिक विद्यार्थी “प्रोजेक्ट साथी” से लाभान्वित हो चुके हैं। हमारे राज्य में भी अब तक लगभग 29 हजार विद्यार्थी इस पहल का हिस्सा बन चुके हैं और पिछले वर्ष 500 से अधिक विद्यार्थियों ने इस प्लेटफॉर्म की मदद से विभिन्न परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा जैसे कोर्स संचालित करने की पहल की जा रही है। साइंस सिटी, एस्ट्रो पार्क आदि का निर्माण कर राज्य में वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि महाविद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही 9 नए महाविद्यालयों की स्थापना की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। “मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना“ के माध्यम से, राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापकों को 18 लाख रुपये तक का शोध अनुदान प्रदान किया जा रहा है। उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किया जा रहा है।

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इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद जोशी, दर्जा राज्य मंत्री डॉ. अनिल कपूर डब्बू, सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. बी. एन. खाली, निदेशक आईआईटी कानपुर मनिंदर अग्रवाल, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ बी0 एन0 खाली, निदेशक आईआईटी कानपुर मनिंदर अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. पंकज कुमार सहित अनेक जनप्रतिनिधि, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

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Author: Shakshi Negi
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