Connect with us

सावधान! साइबर ठगों ने रिटायर्ड शिक्षक को किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे दो करोड़ रुपए

उत्तराखंड

सावधान! साइबर ठगों ने रिटायर्ड शिक्षक को किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे दो करोड़ रुपए

साइबर ठगी का शिकार चमन विहार देहरादून निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक हुए हैं। उनकी शिकायत पर साइबर थाना देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया है। आपके खाते में 20 लाख रुपये का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। मैं मुंबई क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूं, आप डिजिटल अरेस्ट हो चुके हैं। वीडियो कॉल से हटे तो 24 घंटे में गिरफ्तार कर लिए जाओगे। पुलिस की वर्दी पहने इस साइबर ठग की बातों में आकर चमन विहार निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक भयभीत हो गए। अगले सात दिन उन्होंने वह किया जो साइबर ठगों ने कराया। उन्होंने तीन दिन के भीतर साइबर ठगों के खाते में बिना सोचे समझे 2.27 करोड़ रुपये जमा कर दिए। बाद में पता चला कि ऐसा कुछ नहीं तो उनके होश फाख्ता हो गए। उनकी जीवन भर की कमाई अब ठगों के खाते में पहुंच चुकी थी।

यह भी पढ़ें -  आय से अधिक संपत्ति के आरोप में विजिलेंस ने VDO को किया गिरफ्तार, 50 लाख की मर्सिडीज में घूमती है बीवी

साइबर ठगी का शिकार चमन विहार देहरादून निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक हुए हैं। उनकी शिकायत पर साइबर थाना देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें पिछले दिनों एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। अगले ही पल उसने फोन किसी विनय कुमार चौबे को दे दिया। उसने अपना परिचय क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर के रूप में दिया। चौबे ने पीड़ित से कहा कि उनके मोबाइल नंबर और आधार नंबर का इस्तेमाल करते हुए एक बैंक खाता खोला गया है। इसमें 20 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है। यह रकम मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल की गई है। इसके बाद चौबे ने उन्हें वीडियो कॉल पर आने के लिए कहा।

यह भी पढ़ें -  तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार की धामी सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी, CBRI रुड़की की देखरेख में होगा काम

वीडियो कॉल की गई तो पीड़ित से कहा गया कि वह डिजिटल गिरफ्तार कर लिए गए हैं। सही सही बातों का जवाब नहीं दिया तो 24 घंटे में गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। यह सब सुनकर वह डर गए। उनसे कहा गया कि हर तीन घंटे में उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज कर अपनी उपस्थिति के बारे में बताना होगा। इस दौरान चौबे नाम के इस ठग ने उन्हें न्यायालय से संबंधित दस्तावेज दिखाए। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि यह सब एकदम असली जैसे दिख रहे थे। यह कहकर भी उन्हें डरा दिया गया कि यदि उन्होंने इस मामले की पड़ताल की तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में फंस जाएंगे। एनआईए जैसी संस्था भी गिरफ्तार कर सकती है। इसके लिए साइबर ठगों ने उन्हें बचने के लिए रिश्वत के रूप में रुपये मांगे। पीड़ित ने 2.27 करोड़ रुपये की यह रकम 11 सितंबर से 17 सितंबर के बीच साइबर ठगों के खाते में जमा कर दी।

Continue Reading

More in उत्तराखंड

Like Our Facebook Page

Latest News

Author

Author: Shakshi Negi
Website: www.gairsainlive.com
Email: gairsainlive@gmail.com
Phone: +91 9720310305