उत्तराखंड
भरणपोषण अधिनियम के तहत मामला दर्ज, डीएम की पहल से परिवार में लौटी खुशियां
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष खुड़बुड़ा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग दंपति जसवंत सिंह और उनकी पत्नी ने अपने पुत्र व पुत्रवधु को घर से बेदखल करने की गुहार लगाई थी। बुजुर्ग दंपति ने नाराज होकर जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में भरणपोषण अधिनियम के तहत वाद भी दर्ज कराया था।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने दो सुनवाई में ही मामले की गहराई को समझते हुए परिजनों के बीच उत्पन्न मनमुटाव को दूर कराया। उन्होंने बुजुर्ग दंपति से आग्रह किया कि वे अपने तीन नौनिहालों वाले बेटे-बहू को बेदखल न करें और परिवार को टूटने से बचाएं। साथ ही बेटे-बहू को भी बुजुर्गों के प्रति अपने कर्तव्य और जिम्मेदारियों का स्मरण कराया।
डीएम ने दोनों पक्षों को आपसी प्रेम, सम्मान और सहयोग के साथ रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग माता-पिता और निर्धन बेटे-बहू एक-दूसरे के सहारे हैं, इसलिए परिवारिक सौहार्द बनाए रखना ही सबसे बड़ा समाधान है।
बुजुर्ग दंपति के चार पुत्र हैं, जिनमें दो अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं। एक पुत्र दिव्यांग है, जबकि पुत्र बंसी की आर्थिक स्थिति कमजोर है। उसका कपड़ों का छोटा व्यवसाय है और तीन नाबालिग बच्चे हैं। जिलाधिकारी ने बुजुर्गों से कहा कि वे अपने बेटे-बहू और नौनिहालों को घर से न निकालें, वहीं बेटे-बहू को भी समझाया कि वे बुजुर्गों का सम्मान करें और उनकी देखभाल में कोई कमी न आने दें। प्रशासन इस प्रकरण की नियमित मॉनिटरिंग करेगा ताकि परिवार में सौहार्द बना रहे।
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