उत्तराखंड
कुछ तो खास है पूर्व सीएम त्रिवेंद्र में जो कि जनप्रतिनिधि, नेता और विपक्षी दल भी अपना रहे उनके कार्यों को कर रहे उनकी मुहिम का अनुसरण।
आज हम बात करेंगे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की दूरदर्शी सोच की। वैसे तो हमेशा से ही जनप्रतिनिधि, नेता और विपक्ष दल उनके कार्यों का अनुसरण करते हैं, लेकिन कोरोना के इस संकटकाल में भी इस प्रकार के वाकये हमें देखने को मिल रहे हैं। गत दिनों प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए जब पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने अपने विधायक निधि से एक करोड़ कोरोना से निपटने के लिए राहत कोष में देने की घोषणा की, ताकि यह राशि जरूरतमंदों के इलाज में काम आए। उसके पश्चात कई मंत्रियों, विधायकों ने यहां तक की लोकसभा सांसदों ने भी आगे आकर इस मुहिम में शामिल हुए और अपनी सांसद, विधायक निधि को देने की घोषणा की। कहीं ना कहीं किसी भी बड़े कार्य को करने के लिए या किसी भी संकटकाल से निपटने के लिए एकजुटता बहुत बड़ा रोल अदा करती है और उसकी शुरुआत होना बहुत जरूरी है, जोकि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने की।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने मिशन रक्तदान की मुहिम छेड़ी ताकि कोरोना के संकटकाल में जहां ब्लड बैंकों में रक्त की कमी खासी देखने को मिल रही है उसे पूरा किया जा सके। हमेशा की तरह त्रिवेंद्र की दूरदर्शी सोच ही है जो कि इस संकटकाल में उन्होंने रक्तदान शिविरों का आयोजन करने का ठाना, उन्होंने स्वस्थ लोगों से और युवा साथियों आह्वान किया “पहले रक्तदान-फिर टीकाकरण” उन्होंने स्वस्थ व युवा साथियों से रक्तदान शिविरों में बढ़-चढ़कर भाग लेने को कहा। यह भी देखा जा रहा है कि रक्तदान शिविरों में कोरोना से बचाव के सभी मानकों का भली-भांति पालन किया जा रहा है और डॉक्टरों द्वारा पूरी शारीरिक जांच के पश्चात ही रक्तदान करवाया जा रहा है।
आज के संकट भरे दौर में शुरुआत ही एकमात्र ऐसा जरिया है जो औरों को प्रोत्साहित करता है जहां एक ओर लोग घरों में इस महामारी के संक्रमण को फैलने से रोक रहे हैं वहीं पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र जनता के दर्द को समझते हुए जनहितैषी कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि आज अगर रक्तदान नहीं करेंगे तो कल बहुत बड़ा संकट रक्त का पूरे प्रदेश में हो सकता है। देखा गया है कि मिशन रक्तदान की उनकी मुहिम को विपक्षी दल भी अपने रहे हैं। विपक्षी भी रक्तदान शिविरों का आयोजन करवा रही है। खुशी की बात है कि एक जनसेवक के द्वारा शुरू किए गए जनहित के कार्यों को विपक्षी दल भी अपना रही है व उनका अनुसरण कर रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की जो सोच है वह दूरदर्शी सोच है वह जनता के हित में सोचते हैं। जनता की पीड़ा का निस्तारण उनकी सदैव से ही प्राथमिकता रही है। ये कुछ उदाहरण है और पूर्व में भी त्रिवेंद्र के कई मानवता भरे कार्यों को जनप्रतिनिधियों ने सराहा है तथा उनका अनुसरण किया है।
अगर विपक्षी भी आपके कार्यों को अपनाते है तथा उनका अनुसरण करते हैं तो यह एक सच्चे जनसेवक की निशानी होती है।
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