उत्तराखंड
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड की अध्यक्षता में विभिन्न संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आहूत की गई थी उसका कार्यवृत्त जारी
राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत दिनांक 20 फरवरी 2021 को अध्यक्ष राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड की अध्यक्षता में विभिन्न संघों के प्रतिनिधियों के साथ जो बैठक आहूत की गई थी उसका कार्यवृत्त जारी कर दिया गया है। कार्यवृत्त जारी करते हुए योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र चौहान द्वारा बताया गया कि वर्तमान तक कुल 362026 राजकीय कार्मिक/ पेंशनर्स एवं उनके परिवार के द्वारा गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध 102 राजकीय एवं 85 निजी चिकित्सालयों में दिनांक 1 जनवरी 2021 से आतिथि तक कुल 1509 क्लेम्स प्रस्तुत किए गए जिनका भुगतान सीधे चिकित्सालय को किया गया। विभिन्न संगठनों द्वारा जो सुझाव दिए गए उस पर उनका कहना है कि प्राधिकरण द्वारा समस्त सूचीबद्ध चिकित्सालय को एक से अधिक विशेषज्ञता होने पर ही सूचीबद्ध किया गया है किंतु जिन चिकित्सालयों द्वारा एकल सुविधा का चयन किया गया है उन्हें नोटिस प्रेषित करते हुए चिकित्सालय में उपलब्ध समस्त विशेषज्ञता हेतु आवेदन किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है ।
चिकित्सालय द्वारा नगद राशि की मांग किए जाने अथवा अनुबंध का उल्लंघन करने से संबंधित प्रकरण पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है ।
योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध चिकित्सालय की संख्या बढ़ाए जाने की कार्यवाही गतिमान है।
प्राधिकरण के अंतर्गत प्रदेश के अंतर्गत कुल 187 चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया गया है जिनमें सरकारी चिकित्सालयों की संख्या 102 तथा प्राइवेट की संख्या 85 है ।अन्य चिकित्सालयों के साथ ही साथ super-speciality वाले चिकित्सालय को भी सूचीबद्ध किए जाने की कार्यवाही गतिमान है।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति पूर्व की भांति है, मात्र भुगतान की कार्यवाही डी डी,ओ,के स्थान पर प्राधिकरण द्वारा किए जाने की व्यवस्था की गई है, इस हेतु आई एफ एम एस पोर्टल पर ऑनलाइन क्लेम प्राप्त किए जाने की व्यवस्था कर दी गई है ।
ऐसे कार्मिक जो वेतन के साथ-साथ पेंशन भी प्राप्त कर रहे हैं वह आहरण एवं वितरण अधिकारी के माध्यम से अपना डाटा मैप करा लें ताकि कटौती एक ही हो सॉफ्टवेयर में उक्त अनुसार संशोधन कर दिया गया है।
योजना की अपनी वेबसाइट तैयार की जा चुकी है जिसका लिंक sha.uk.gov.in है । योजना से संबंधित अन्य बिंदु जैसे कर्मचारी/ पेंशनर की आश्रित की आय सीमा को ₹9000 प्रतिमाह से बढ़ाकर 30000 प्रतिमाह किया जाए ,तथा आश्रित की श्रेणी में पाल्य की उम्र 25 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष की जाए।राजकीय सेवकों के माता-पिता के साथ ही साथ ससुर को भी सम्मिलित किया जाए।
पेंशन भोगी कर्मचारियों से सेवारत कार्मिकों की तुलना में 50 फ़ीसदी मासिक अंशदान कम लिया जाए।
वेतन लेवल 7 से 11 के अंतर्गत आने वाले पति पत्नी में से किसी भी एक के वेतन से कटौती की जाए।
इन बिंदुओं पर उनका कहना है कि इस पर एक समुचित प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
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