उत्तराखंड
प्रदेशभर में अग्निवीर भर्ती योजना का विरोध कर रहे युवा, योजना को जल्द वापस लेने की मांग
देश की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निवीर भर्ती योजना और जहां पूरे देश में दो दिन पहले शुरू किया गया था वही अब उसका पूरे देश में विरोध युवाओं के द्वारा किया जाने लगा है । उत्तराखंड के खटीमा में भी सैकड़ों युवाओं ने खटीमा नगर की सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार की अग्निवीर भर्ती योजना का जोरदार विरोध किया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में युवाओं में जहां खटीमा नगर में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया वही खटीमा मुख्य चौक पर सरकार की इस योजना के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। युवाओं ने खटीमा तहसील पहुंचकर प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की भी मांग की।
साथ ही इस अवसर पर आक्रोशित युवाओं ने कहा कि पूरे देश में युवा सरकार की अग्निवीर भर्ती योजना का विरोध कर रहे हैं। देशभर का युवा सरकार से मांग करता है कि इस योजना को जल्द से जल्द सरकार वापस ले।प्रदर्शन कारी युवाओं ने कहा की पिछले 2 साल से वह सेना भर्ती की लिखित परीक्षा का भी इंतजार कर रहे हैं लेकिन सरकार ने लिखित परीक्षा को रद्द कर पूरे देश में टी ओ डी योजना को लागू कर दिया है जो कि देश के युवाओं के विरोध में है। जब तक सरकार टी ओ डी को वापस पूर्व में भर्ती प्रक्रिया का रिटन नहीं कराती है देश भर में युवा केंद्र सरकार की टी ओ डी योजना के विरोध में धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती के लिये शुरू किये गये TOD यानि अग्निपथ का युवाओ ने विरोध शुरू कर दिया है। पिथौरागढ़ में हजारों की तादाद में सड़कों पर उतरे युवाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और सरकार से TOD वापस लेने की मांग की । युवाओं का कहना है कि वे कई सालों से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं ऐसे में सरकार ने पुरानी भर्ती को रद्द कर अग्निपथ योजना शुरू की है, जो युवाओं के साथ सरासर अन्याय और धोखा है। युवाओं ने जल्दी ही TOD योजना वापस नहीं लेने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार युवाओं के खिलाफ काम करेगी और उन्हें धोखा देगी दोगे तो वे पूरे देश भर में उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
भारतीय रक्षा सेनाओं में विशेष तौर पर थल सेना में दो लाख से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं। देश के लाखों युवा जो सेना में भर्ती होने का सपना पाले हुए हैं, इसके लिए वर्षों से तैयारी कर रहे हैं। सरकार ने आलोचना से बचने के लिए उनको एक झुनझुना थमा दिया है कि आप भर्ती नहीं कर रहे हैं! वह अग्निपथ भी नाम तो बहुत जबरदस्त रखा, वह वीर जरूर होंगे। मगर सरकार ने उनको अग्निपथ का राही बना दिया है, क्योंकि 4 साल के बाद उनके जीवन की क्या कार्य योजना होगी उसके विषय में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है और सेना के साथ एक बार उनके सपने को जोड़ने के बाद आप 4 साल बाद उनके सपनों को तोड़ेंगे, इसका हमारी युवा शक्ति पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ेगा और साथ-साथ आप हमारे उच्च दक्षता प्राप्त सेना के साथ जो है आधी-अधूरी ट्रेनिंग के आधार पर लोगों को यदि समाहित करेंगे, तो इससे सेना की क्वालिटी पर क्या असर पड़ेगा? उस पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। मुझे तो यह अग्निपथ वीर जो है, केवल एक चुनावी योजना मात्र लगती है और किसी भी तरीके से न नौजवानों के हित में है, न देश की रक्षा के हित में दिखाई देती है!
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