उत्तराखंड
स्थानांतरण न किए जाने से हजारों शिक्षक नाराज
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा तथा प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने शिक्षकों के वार्षिक स्थानांतरण के संबंध में कोई स्पष्ट आदेश न किए जाने पर सचिव शिक्षा, महानिदेशक, निदेशक तथा अपर निदेशक को पत्र प्रेषित कर शीघ्र स्थानांतरण के संबंध में आदेश जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून के पत्र संख्या 44/xxx(2)/2021-3(11)2018/दिनांक 19फरवरी 2021 के क्रम में वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के प्रावधानों के अंतर्गत सरकारी सेवकों के वर्ष 2021 22 के लिए प्रत्येक संवर्ग के 10% स्थानांतरण किये जाने के निर्देश हुए थे उस क्रम में निदेशालय द्वारा समूह क व ख के अधिकारियों एवं प्रधान सहायक से मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर कार्यरत कार्मिकों के अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण हेतु आवेदन मांगे हैं, जिन पर वर्तमान में प्रक्रिया गतिमान है लेकिन शिक्षकों के वर्ष 2021 22 में स्थानांतरण हेतु निदेशालय स्तर से जनपदों को अभी तक कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं जो कि शिक्षकों के प्रति सौतेला व्यवहार है। जनपदों में जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकास खंडों में उप शिक्षा अधिकारियों से प्रेक्षा करने पर अवगत कराया जा रहा है कि अभी तक निदेशालय स्तर से बेसिक शिक्षकों के वार्षिक स्थानांतरण के संबंध में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं, जिससे वर्षों से स्थानांतरण की आस लगाए शिक्षक विभाग की कार्यप्रणाली से मायूस व निराश हैं। उत्तराखंड में समस्त कार्मिकों के लिए स्थानांतरण एक्ट लागू होने के बाद भी दोहरा मापदंड तय करना न्यायसंगत नहीं है जिससे शिक्षकों में आक्रोश है।
दूसरा अपर सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून के पत्र संख्या 422/xxxiv(1)/न०सृ०अनु०/15/20125TC/दिनांक10 जून 2016 के क्रम में राज्य के प्रारंभिक शिक्षा संवर्ग के अंतर्गत संचालित राजकीय आदर्श प्राथमिक एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना चयन प्रक्रिया के माध्यम से किए जाने का प्रावधान निहित किया था लेकिन प्रधानाध्यापक पद हेतु शासनादेश में स्पष्ट प्रावधान न होने से कतिपय जनपदों में राजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदों को पदोन्नति एवं स्थानांतरण से पदस्थापना की गई लेकिन उत्तराखंड में ही कतिपय जनपद लिखित परीक्षा चयन प्रक्रिया को मानक मानकर विगत 5 वर्षों से राजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पदों को रिक्त रखे हुए हैं जनपदों में आदर्श विद्यालयों में न तो चयन प्रक्रिया के माध्यम से पदस्थापना की जा रही है और न ही पदोन्नति एवं स्थानांतरण से उक्त पदों को भरा जा रहा है जिससे आदर्श विद्यालयों में पठन-पाठन के साथ-साथ बिना प्रधानाध्यापक तथा सहायक अध्यापक के आदर्श विद्यालयों की परिकल्पना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, और जनपदों में 5 वर्षों से जूनियर हाईस्कूलों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति के अवसर भी बाधित हो रहे हैं जो शिक्षक हितों पर कुठाराघात है जबकि उत्तराखंड शासन द्वारा पूर्व में राजकीय आदर्श इंटर कॉलेजों में पदोन्नति/संशोधन कर प्रधानाचार्य के पदों को पदस्थापन किया है एक ही प्रकार के विद्यालयों में अलग-अलग मानक तय करना उचित नहीं है।
अतः संगठन मांग करता है कि उत्तराखंड राज्य के राजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक/सहायक अध्यापक के पदों को पदोन्नति एवं स्थानांतरण के माध्यम से भरे जाने हेतु समस्त जनपदों को दिशा निर्देश जारी किए जाएं जिससे वर्षों से रिक्त आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक/सहायक अध्यापक के पद शत-प्रतिशत भरे जा सकें एवं शिक्षकों को पदोन्नति के अवसर उपलब्ध हो सकें।
सतीश घिल्डियाल
प्रदेश कोषाध्यक्ष जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड
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