उत्तराखंड
दुखद खबर: नहीं रही सुर व संगीत की पूरक गायका लता मंगेशकर
सिनेमाजगत के लिए बेहद दुखद खबर है. कई दशकों से अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है. लता जी ने 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा.
भारत रत्न लता मंगेशकर बीते 8 जनवरी से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में कोविड संक्रमित होने के बाद से भर्ती थीं. लता जी लगातार आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में थीं. हालांकि उनकी सेहत में सुधार भी हो रहा था. यहां तक कि उन्हें वेंटिलेटर पर कुछ दिनों के लिए रखा गया था और फिर बाद में वेंटिलेटर से हटा दिया गया था. लेकिन अचानक तबीयत फिर बिगड़ी और वेंटिलेटर पर दोबारा रखा गया. लेकिन अचानक आज उनके निधन की खबर आई जिसने सभी को हिलाकर रख दिया. लता मंगेशकर के निधन पर भारत समेत दुनियाभर की दिग्गज हस्तियों ने शोक जताया है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी. लता दीदी प्रखर देशभक्त थी. स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी की विचारधारा पर उनकी हमेशा ही दृढ़ श्रद्धा रही है. उनका जीवन अनेक उपलब्धियों से भरा रहा है. लता जी हमेशा ही अच्छे कामों के लिए हम सभी को प्रेरणा देती रही हैं. भारतीय संगीत में उनका योगदान अतुलनीय है. 30 हजार से अधिक गाने गाकर उनकी आवाज ने संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजा है. लता दीदी बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी थी.’
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट कर लता मंगेशकर को नमन करते हुए कहा कि लता दीदी का जाना कला क्षेत्र के लिए अपूर्णीय क्षति है.लता दीदी दया से भरी हुई थी.वो देश मे एक ऐसी जगह खाली छोड़ गई हैं जिसे कभी भरा नही जा सकता.
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