उत्तराखंड
दुखद ख़बर: नही रहे भारतीय संगीत के प्रतीक बप्पी लाहिड़ी
80 और 90 के दशक में भारत में डिस्को संगीत (disco music) को लोकप्रिय बनाने वाले संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी (Singar Bappi Lahiri) का मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया. वे 69 साल के थे. अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. दीपक नामजोशी (Dr- Deep Naanjoshi) ने जानकारी देते हुए बताया कि बप्पी लाहिड़ी को एक महीने पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी. लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई जिस पर उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां मंगलवार को आधी रात के आसपास ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) के कारण मौत हो गई.
बता दें कि डिस्को किंग बप्पी लाहिड़ी का जन्म 1952 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शास्त्रीय संगीत से एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था. उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में एक संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया. उनके पिता, अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंसारी लाहिड़ी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं.
बप्पी दा ने अपना पहला गाना 1972 में दादू फिल्म में गाया था. हिंदी फिल्मों में उन्होंने अपनी शुरुआत नन्हा शिकारी (1973) से की थी. ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म, ज़ख्मी (1975) से उन्हें बॉलीवुड में खुद को स्थापित किया और एक पार्श्व गायक के रूप में अपनी पहचान बनाई. बप्पी दा ने हाल ही में आयुष्मान खुराना और जितेंद्र कुमार स्टारर ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ के लिए अपने हिट गाने ‘यार बिना चैन कहां रे’ को ‘अरे प्यार कर ले’ शीर्षक से रीमिक्स किया. यह गीत मूल रूप से अनिल कपूर और अमृता सिंह पर अनिल गांगुली की ‘साहेब’ में फिल्माया गया था. 1970-80 के दशक के अंत में डिस्को डांसर, नमक हलाल और डांस डांस जैसे साउंडट्रैक के लिए लोकप्रिय, उन्होंने भारतीय सिनेमा के साथ संश्लेषित डिस्को संगीत को बेहतर ढंग से एकीकृत करने में मदद की.
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