उत्तराखंड
डॉ योगी एरन की प्रैक्टिस पर उत्तराखंड मेडिकल कौंसिल ने लगाई 3 माह के लिए रोक, ये है वजह…
पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ योगी एरन की प्रैक्टिस पर उत्त्तराखण्ड मेडिकल कौंसिल ने 3 माह के लिए रोक लगा दी है। उन्हें अपना पंजीकरण भी कौंसिल में जमा कराना होगा। डॉ योगी पर देहरादून के गढ़ी कैंट निवासी महिला ने उनके ऑपेरशन में लापरवाही बरतकर उनका चेहरा खराब करने का आरोप लगाया था। मामले में शिकायत मिलने के बाद मेडिकल कौंसिल ने एम्स ऋषिकेश की डॉ मधुबनी, पीएचमस से डॉ प्रवीण पंवार एवं कौंसिल से डॉ अंजली नौटियाल की जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्लास्टिक सर्जरी के सही मानदंडों का इलाज में पालन होता नही पाया गया। साथ ही डॉ योगी के “योगी मेथड” पर भी सवाल खड़े किए हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर कौंसिल अध्यक्ष डॉ अजय खन्ना ने डॉ एरन कि प्रैक्टिस पर 3 माह की रोक लगाई है। कौंसिल सदस्य डॉ डीडी चौधुरी ने इसकी पुष्टि की है।
वर्ष 2018 में डॉ योगी एरन से नीतू थापा ने होंठ के ऊपर मस्से की सर्जरी के लिए संपर्क किया था। आरोप है कि 27 नवंबर 2018 को उनका पहला आपरेशन किया गया। इसके बाद 12 feburary 2020 तक उनके 9 से 10 आपरेशन किये गए। आरोप है कि हर बार आपरेशन किये जाने पर कहा जाता कि जल्द उनकी समस्या दूर हो जाएगी लेकिन उल्टा उनके मुँह का हिस्सा और भी ज्यादा खराब होता चला गया। कौंसिल में शिकायत होने के बाद दोनों पक्षो को समय समय पर बयान के लिए बुलाया गया।
कौंसिल के सदस्य एवं सीनियर डॉक्टर डीडी चौधुरी के अनुसार 3 माह के लिए डॉ योगी के पंजीकरण को निरस्त किया गया है। वह तब तक मरीज नहीं देख सकते। साथ ही उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन भी कौंसिल में जमा करना होगा।
क्या कहना है डॉ योगी का: नोटिस अभी मुझे नहीं मिला है। मैं पूरी काबलियत से हर मरीज का इलाज करता आ रहा हूं। जिस तकनीक से इस मरीज का ऊपर का पूरा होंठ, जो कैंसर की वजह से पूरा काटकर निकाल दिया गया था, फिर से बनाया गया है। यह तकनीक अमेरिका, अफ्रीका व बांग्लादेश में मान्य है। पता नहीं किन कारणों से सफल सर्जरी के कई साल बाद यह सवाल उठाए जा रहे हैं। जिन विशेषज्ञों द्वारा यह सब किया जा रहा है, हो सकता है उनका अनुभव व काबलियत इन देशों के सर्जनों से ज्यादा हो या मंशा कुछ और हो। मेरे द्वारा भेजी मरीज की फोटो से अंदाजा लगाया जा सकता है, कैसा इलाज हुआ है।
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