Connect with us

एनडीए उम्मीदवार डॉ. प्रेम कुमार बने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष

देश

एनडीए उम्मीदवार डॉ. प्रेम कुमार बने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष

35 साल से लगातार जीतते आ रहे भाजपा नेता डॉ. प्रेम कुमार, अब बने विधानसभा अध्यक्ष

पटना। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और लगातार नौ बार विधायक चुने गए डॉ. प्रेम कुमार को बिहार की 18वीं विधानसभा का नया अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया। सोमवार को प्रोटेम स्पीकर के समक्ष विधायक पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया। पहले से ही यह स्पष्ट था कि इस पद को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टियों—जेडीयू और भाजपा—के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है।

नई जिम्मेदारी संभालने के बाद डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि एनडीए नेतृत्व ने उन पर जो भरोसा जताया है, वह उसके लिए आभारी हैं। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा और सदन की मर्यादा बनाए रखना उनकी प्राथमिकता रहेगी। लगातार नौवीं बार गया टाउन सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रेम कुमार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति भी धन्यवाद व्यक्त किया।

यह भी पढ़ें -  राम मंदिर में लहराया धर्मध्वज, पीएम मोदी हुए भावुक

प्रेम कुमार का राजनीतिक और व्यक्तिगत परिचय

गया शहर के नई सड़क इलाके में उनका आवास है। चंद्रवंशी समुदाय के कहार जाति से आने वाले प्रेम कुमार का राजनीतिक सफर बिहार की सबसे स्थिर पहचान में से एक माना जाता है। परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। दोनों बच्चे शादीशुदा हैं। उनका बेटा भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
अपने सरल स्वभाव और जनता से निरंतर संपर्क बनाए रखने की वजह से ही वह 1990 से अब तक एक बार भी चुनाव नहीं हारे हैं।

यह भी पढ़ें -  'मन की बात' में पीएम मोदी ने खेल, संस्कृति, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय उपलब्धियों का रखा ज़िक्र

गया टाउन का राजनीतिक इतिहास और प्रेम कुमार का वर्चस्व

गया टाउन विधानसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन 1990 में पहली बार इस समीकरण को डॉ. प्रेम कुमार ने बदल दिया। बिहार की राजनीति में उस समय भाजपा अपने विस्तार की कोशिश कर रही थी और गया टाउन सीट पर मिली जीत पार्टी के लिए अहम साबित हुई।

यह भी पढ़ें -  भारत की राष्ट्रीयता पश्चिमी ‘राष्ट्रवाद’ की अवधारणा से पूरी तरह अलग- आरएसएस प्रमुख

इसके बाद से पिछले 35 वर्षों में न तो पार्टी ने अपना प्रत्याशी बदला और न ही जनता ने अपने प्रतिनिधि को।
सीपीआई, कांग्रेस और अन्य दलों ने कई बार उम्मीदवार बदले, लेकिन प्रेम कुमार की बढ़त हर चुनाव के साथ और मजबूत होती चली गई। 2015 से अब तक कांग्रेस लगातार प्रत्याशी दे रही है, लेकिन जीत का अंतर ही सिर्फ बढ़ा है—विधायक वही बने रहे।

Ad Ad
Continue Reading

More in देश

Latest News

Author

Author: Shakshi Negi
Website: www.gairsainlive.com
Email: gairsainlive@gmail.com
Phone: +91 9720310305