उत्तराखंड
देहरादून में घर बनाना हो गया महंगा, दाखिल खारिज के शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास, अब चुकने होंगे दो से 50 हजार रुपये
वर्ष 1999 से नगर निगम दाखिल खारिज के लिए 150 रुपये शुल्क ले रहा है जबकि इसमें खर्चा अधिक हो रहा था। इसलिए निगम ने दाखिल खारिज के शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पिछली बोर्ड बैठक में दिया थाविरासत, उत्तराधिकार, वसीयत, बंटवारानामा आदि के लिए नामांतरण शुल्क अब 150 के बजाय दो हजार रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा आवासीय और गैर आवासीय श्रेणी की संपत्तियों के लिए दाखिल खारिज शुल्क संपत्ति के स्टांप शुल्क के आधार पर दो हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक निर्धारित किया गया है।
विरासत, उत्तराधिकार, वसीयत, बंटवारानामा आदि के लिए नामांतरण शुल्क अब 150 के बजाय दो हजार रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा आवासीय और गैर आवासीय श्रेणी की संपत्तियों के लिए दाखिल खारिज शुल्क संपत्ति के स्टांप शुल्क के आधार पर दो हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक निर्धारित किया गया है।
वर्ष 1999 से नगर निगम दाखिल खारिज के लिए 150 रुपये शुल्क ले रहा है जबकि इसमें खर्चा अधिक हो रहा था। इसलिए निगम ने दाखिल खारिज के शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पिछली बोर्ड बैठक में दिया था। लेकिन, इसमें शुल्क काफी अधिक होने के कारण इसे समिति के हवाले कर दिया गया था। समिति की रिपोर्ट आने के बाद बृहस्पतिवार को बोर्ड बैठक में एक बार फिर यह प्रस्ताव रखा गया।कुछ पार्षदों ने इसका विरोध करतेे हुए शुल्क कम करने की मांग की लेकिन अधिकतर पार्षदों ने इसका समर्थन किया। इसके बाद मेयर ने इसे मंजूरी दे दी। बैठक में डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, नगर आयुक्त मनुज गोयल, उप नगर आयुक्त रोहिताश, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना आदि मौजूद थे।
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