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‘देश की रक्षा और धर्म सेवा के लिए हिंदुओं को चाहिए 4 बच्चे’- श्रीमहंत रवींद्र पुरी

उत्तराखंड

‘देश की रक्षा और धर्म सेवा के लिए हिंदुओं को चाहिए 4 बच्चे’- श्रीमहंत रवींद्र पुरी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (महानिर्वाणी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी और निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि सहित कई संतों ने सनातन धर्मावलंबियों, हिंदुओं का आह्वान किया कि वह वैदिक धर्म परंपरा का पालन करते हुए अधिक से अधिक बच्चे पैदा करें।

मंगलवार को भूपतवाला में एक आश्रम के उद्घाटन के मौके पर आयोजित संत सम्मेलन में श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि हिंदू हम दो, हमारे दो का सिद्धांत त्यागते हुए कम से कम चार बच्चे तो अवश्य ही पैदा करें। कहा कि सनातन धर्म परंपरा में एक बच्चा सेना में, एक बच्चा धर्म सेवा, एक घर की व्यवस्था संभालने को तथा एक वाणिज्य व अर्थ की व्यवस्था को देखने के लिए होता था।पर, बाद के वर्षों में इसका पालन न होने से ही समाज में जनसंख्या घनत्व का विरोधाभास पैदा हो गया है।

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यह देश के भीतर कई जगह पर इस कदर असंतुलन की स्थित में है कि वहां पर व्यवस्था का प्रश्न खड़ा हो गया है। महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश और हरिचेतनानंद ने भी सिका समर्थन करते हुए कहाकि जनसंख्या घनत्व के असंतुलन के लिए किसी वर्ग विशेष को दोष देने की बजाए हमें हमारी सोच को बदलना होगा।हमें राष्ट्र, धर्म, परिवार और समाज की आवश्यकता को दष्टिगत रखते हुए अपनी सोच विकसित करनी होगी।

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सनातन और वैदिक परंपराओं का पालन करना होगा। कहाकि, अगर केवल हम दो, हमारे दो या शेर का बच्चा, एक ही अच्छा जैसे सिद्धांत अपनाते रहेंगे तो आने वाले वर्षों में हिंदू न तो देश के लिए काम आएगा और ना ही हिंदू संस्कृति के लिए।

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Author: Shakshi Negi
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