उत्तराखंड
राजधानी में कोरोना के सैंपलिंग प्रभारी एक माह बाद फिर संक्रमित पाए गए हैं।
देहरादून। राजधानी में कोरोना के सैंपलिंग प्रभारी कोरोना को मात देने के तकरीबन एक माह बाद फिर संक्रमित पाए गए हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की बैचेनी बढ़ गई है।
दरअसल, सैंपलिंग प्रभारी की कोरोना जांच यानी आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट बीती 23 जुलाई को पॉजिटिव आई थी। उसके बाद उन्होंने 17 दिन का आइसोलेशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने लगातार दो एंटीजन टेस्ट कराए, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। अब एंटीजन टेस्ट में वह फिर पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि उनका सैंपल आरटी-पीसीआर जांच के लिए भी भेजा गया है। इस बीच वह होम आइसोलेशन पर चले गए हैं। सैंपलिंग प्रभारी होने के कारण वह अधिकांश समय हाई रिस्क पर थे।
एंटीबॉडी नहीं बनने से फिर संक्रमण की संभावना
कोरोना संक्रमित व्यक्ति में यदि एंटीबॉडी नहीं बनती है तो उसके दोबारा संक्रमित होने की संभावना अधिक रहती है। एक स्टडी में यह भी पता चला है कि जिन लोगों में कोरोना संक्रमण के बाद मामूली लक्षण ही देखने को मिले हैं, उन्हें खतरा बरकरार है। इनमें एंटीबॉडी बनती है और कुछ हफ्ते में गायब भी हो सकती है। यह भी माना जा रहा है कि उक्त मामले में वायरस का मामूली ट्रेस शरीर में रह गया था, जो एंजीटन टेस्ट में पकड़ में नहीं आया। यानी फॉल्स निगेटिविटी भी एक कारण हो सकती है। वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक एक बार कोरोना के लक्षण खत्म होने के बाद व्यक्ति दोबारा पॉजिटिव मिलता भी है तो इससे ज्यादा खतरा नहीं है। क्योंकि दोबारा पॉजिटिव आने वाला व्यक्ति दूसरो को संक्रमित नहीं कर सकता है। यह पैक्ट वायरस होता है, जो कि पूर्ण वायरस न होकर उसका अंश होता है। जो व्यक्ति के शरीर के किसी हिस्से में रह गए है।
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