Connect with us

क्या आप भी करते हैं समोसे का अधिक सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान

स्वास्थ्य

क्या आप भी करते हैं समोसे का अधिक सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान

भारत में समोसा सिर्फ एक नाश्ता नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और भावनाओं से जुड़ा हुआ एक स्वाद है। दोस्तों के साथ चाय की चुस्की हो या बरसात की फुहारें—गरमागरम समोसा हर मौके को खास बना देता है। गली-मोहल्लों से लेकर ऑफिस कैफेटेरिया तक, समोसे की लोकप्रियता हर वर्ग में देखी जा सकती है।

लेकिन क्या आपने कभी इस लाजवाब स्वाद के पीछे छिपे स्वास्थ्य के खतरे पर ध्यान दिया है? अकसर हम इसकी कुरकुरी परत और चटपटे मसाले के स्वाद में इस कदर उलझ जाते हैं कि इसके नकारात्मक असर को नजरअंदाज कर देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक तेल में तले जाने और मैदे के उपयोग के कारण समोसा हाई कैलोरी, ट्रांस फैट और अनहेल्दी कार्ब्स से भरपूर होता है। नियमित सेवन से यह मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए अब जानते हैं कि समोसा हमारी सेहत के लिए क्यों नुकसानदायक है, ताकि आप समझदारी से इसका सेवन कर सकें।

डीप फ्राई: अनहेल्दी फैट का मुख्य कारण
समोसे को स्वादिष्ट होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण है कि उसे डीप फ्राई किया जाता है। ज्यादातर जगहों पर समोसे को बार-बार गर्म किए गए तेल में तला जाता है। बार-बार गरम करने से तेल में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ जाती है।

ये दोनों ही प्रकार के फैट हमारे हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। ये न केवल शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं, बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा काफी बढ़ जाता है।

मैदा का उपयोग और पाचन पर असर
समोसे की बाहरी परत मैदा से बनी होती है। मैदा बनाने की प्रक्रिया में गेहूं से चोकर और रोगाणु निकाल दिए जाते हैं, जिससे उसमें फाइबर और पोषक तत्वों की भारी कमी हो जाती है। फाइबर की कमी के कारण मैदा आसानी से पचता नहीं है और पेट में भारीपन, कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।

इसके अलावा, मैदा में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है और फिर अचानक गिराता है, जिससे भूख जल्दी लगती है और एनर्जी लेवल अस्थिर रहता है। यह खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है।

हाई कैलोरी और कम पोषण
समोसे में मौजूद आलू का भरावन और मैदे की तली हुई परत, इसे कैलोरी का पावरहाउस बना देती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और फैट भरपूर मात्रा में होते हैं, लेकिन प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे जरूरी पोषक तत्व बहुत कम या न के बराबर होते हैं।

समोसा एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आपको ऊर्जा तो देता है, लेकिन कोई खास पोषण नहीं देता। इसका नियमित सेवन मोटापा, और मोटापे से जुड़ी अन्य बीमारियों, जैसे डायबिटीज और हृदय रोग, का सीधा कारण बनता है।

स्वच्छता और अन्य छिपे हुए जोखिम
सड़क किनारे या छोटी दुकानों पर बिकने वाले समोसे में स्वच्छता की कमी की वजह से अधिक नुकसानदायक हो सकते हैं। जूस बनाने में गंदे बर्तन, दूषित पानी या सही तरीके से न ढंके गए समोसे पर बैक्टीरिया और कीटाणु आसानी से पनपने लगते हैं। यह पेट के संक्रमण, डायरिया, फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।

कितना समोसा खाना चाहिए?
बहुत से लोगों के दिमाग में ये सवाल होता है कि एक स्वस्थ इंसान को कितना समोसा खाना चाहिए? विशेषज्ञों के मुताबिक 1 सप्ताह में एक समोसा आपके सेहत के लिए कम नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए अगली बार जब समोसा खाने का मन करे, तो अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए इसका सेवन सीमित मात्रा में करें या घर पर स्वस्थ तरीके से बनाने का विकल्प चुनें।

(साभार)

Continue Reading

More in स्वास्थ्य

Latest News

Author

Author: Shakshi Negi
Website: www.gairsainlive.com
Email: gairsainlive@gmail.com
Phone: +91 9720310305