Connect with us

बलूनी की अगुवाई में वित्त राज्यमंत्री से मिला नैनीताल बैंक का प्रतिनिधिमंडल, रखी ये मांग

उत्तराखंड

बलूनी की अगुवाई में वित्त राज्यमंत्री से मिला नैनीताल बैंक का प्रतिनिधिमंडल, रखी ये मांग

नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय संबंधित मांग को लेकर नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्यसभा सांसद श्री अनिल बलूनी जी की अगुवाई में केंत्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री भगवत कराड जी से उनके दिल्ली स्थित आवास में मुलाकात की तथा नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय संबंधित अपनी मांग रखी। अनिल बलूनी जी ने माननीय मंत्री श्री भगवत कराड जी को बताया कि नैनीताल बैंक 1922 में स्थापित एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक है, जो एक सदी से भी अधिक समय से उत्तराखंड राज्य के विकास से जुड़ा हुआ है। नैनीताल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा की पूर्ण स्वामित्व वाला सहायक बैंक है। बैंक ऑफ बड़ौदा, नैनीताल बैंक में 98.57% हिस्सेदारी रखता है। यह उनके अपने प्रदेश का बैंक है तथा उत्तराखंड की आर्थिक उन्नति के लिए हमेशा अग्रणी रहा है। यदि नैनीताल बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में किया जाता है तो उत्तराखंड को इसका बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। लगभग 100 शाखाओं के माध्यम से नैनीताल बैंक वर्तमान में उत्तराखंड के आम जनमानस तक केंद्र व राज्य सरकार की समस्त जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर पहुंचने में अपना अमूल्य सहयोग दे रहा है।

यह भी पढ़ें -  Uttarakhand Monsoon Session: सत्र के दौरान CM Dhami ने दी दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि

बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय के पश्चात उत्तराखंड के आम जनमानस को कम ब्याज दर पर ऋण, अधिक आर्थिक सुरक्षा तथा केंद्र व राज्य सरकार समस्त जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ निर्बाध रूप से मिलता रहेगा तथा साथ ही नैनीताल बैंक के कर्मचारियों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। उन्होंने आगे कहा की यह दशक उत्तराखंड का है और उत्तराखंड के विकाश में बैंकों की विशेष भूमिका है। नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय का सीधा लाभ उत्तराखंड के आम जनमानस को मिलेगा। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री भगवत कराड जी ने कहा कि प्रतिनिधि मंडल की मांग तथा लोकसभा की याचिका समिति एवम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सिफारिशों पर बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन से वार्ता कर उनके क्रियान्वयन हेतु जल्द ही उचित कार्यवाही की जाएगी। श्री अनिल बलूनी ने पुनः प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि नैनीताल बैंक को प्राइवेट हाथों में नहीं जाने देंगे तथा उत्तराखंड की आर्थिकी के दृष्टिगत तथा कर्मचारियों के हित में उचित कदम उठाएंगे।

नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव श्री पीयूष पयाल ने आगे कहा कि नैनीताल बैंक अपनी 169 शाखाओं के साथ पांच राज्यों में अपनी सेवाएं दे रहा है। उत्तराखंड में नैनीताल बैंक की 98 शाखाएं हैं तथा हर जिले के दूरदराज इलाकों में अपनी सेवाएं अनवरत दे रही हैं। नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय होने पर नैनीताल बैंक के कर्मचारियों का भविष्य तो सुरक्षित होगा ही साथ ही नैनीताल बैंक के ग्राहकों को भी बैंक ऑफ बड़ौदा की उत्कृष्ट बैंकिंग सेवाओं, ग्राहकों की जमापूंजी की सुरक्षा,कम ब्याज दर पर ऋण तथा राज्य व भारत सरकार की समस्त जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी अनवरत मिलता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि नैनीताल बैंक को प्राइवेट हाथों में दिये जाने का हम पुरजोर विरोध करते हैं तथा कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने हेतु हर लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इस लड़ाई में उत्तराखंड के कई जनप्रतिनिधि तथा कर्मचारी संगठन उनके साथ समर्थन में खड़े हैं तथा हर लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं।

यह भी पढ़ें -  दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण पर रोक, विरोध के बाद केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने लिया फैसला

नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर कन्याल ने बताया कि नैनीताल बैंक पिछले 50 वर्षों से लाभ अर्जित करने वाला संस्थान है तथा बैंक ऑफ बड़ौदा को प्रतिवर्ष औसतन 18% का लाभांश देता रहा है। नैनीताल बैंक उत्तराखंड के हर जिले में तथा अति दुर्गम क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं अनवरत दे रहा है। नैनीताल बैंक कई क्षेत्रों जैसे अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, आधार पंजीकरण तथा अन्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम लाभार्थी तक पहुंचाने हेतु हमेशा अग्रणी रहते हुए विभिन्न मंचों में पुरस्कृत भी हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि 2018 में लोकसभा की याचिका समिति ने, नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन की याचिका पर लोकसभा की याचिका समिति वर्ष 2018 एवम पुनः 2020 में तथा भारतीय रिजर्व बैंक वर्ष 2006, 2014, 2018, 2020 एवम 2022 में नैनीताल बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ तत्काल विलय करने के निर्देश दे चुके हैं। निर्देशों को दरकिनार करते हुए, बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन द्वारा अपनी हिस्सेदारी को प्राइवेट हाथों में देने हेतु निविदा निकालना स्पष्ट रूप से निहित स्वार्थों और दुर्भावनापूर्ण इरादों को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें -  टिहरी: गांव की गौशाला में घुसा गुलदार, देखने को लगी भीड़; वन विभाग ने किया रेस्क्यू

हम आम जनता के साथ-साथ नैनीताल बैंक के ग्राहकों से उनकी जमापूंजी एवम कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए संगठन के साथ खड़े होने तथा विनिवेश के स्थान पर नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय किए जाने की अपनी मांग के समर्थन की अपील करते हैं।

Continue Reading

More in उत्तराखंड

Like Our Facebook Page

Latest News

Author

Author: Shakshi Negi
Website: www.gairsainlive.com
Email: gairsainlive@gmail.com
Phone: +91 9720310305