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क्या नींद की कमी से बढ़ सकता है वजन, आइये जानते हैं क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ
वजन घटाना आज के समय में ज्यादातर लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। बढ़ते वजन-मोटापे की समस्या के साथ कई प्रकार की क्रॉनिक बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी इसका शिकार देखे जा रहे हैं।
वजन बढ़ने के लिए लाइफस्टाइल और आहार से संबंधित गड़बड़ियों को प्रमुख कारण माना जाता रहा है। इसके अलावा जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उनमें भी मोटापा और अधिक वजन का खतरा हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, नींद पूरी न होने और वजन बढ़ने के बीच एक गहरा और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध संबंध है। कई शोधों ने यह साबित किया है कि नींद की कमी से हमारे शरीर के हार्मोनल संतुलन, मेटाबॉलिज्म, भूख पर नियंत्रण और ऊर्जा खर्च पर प्रभाव पड़ता है, जिससे वजन बढ़ने का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
नींद और वजन बढ़ने के बीच संबंध
अच्छी नींद और शरीर के वजन पर होने वाले इसके प्रभावों को जानने के लिए कई अध्ययन किए गए हैं। इसमें से ज्यादातर शोध में पाया गया है कि रात में अच्छी नींद लेने से वजन घटाने में लाभ और नींद की कमी के कारण इसके नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। आइए इस बारे में समझते हैं।
एक शोध के अनुसार नींद की कमी वाले अमेरिकी प्रतिभागियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि यह स्थिति औसत बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में वृद्धि का कारण बनती है, जो शरीर के अधिक वजन और मोटापे की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
नींद की कमी बढ़ा सकती है वजन
नींद की कमी और वजन बढ़ने के बीच एक संबंध हमारे शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन का भी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, नींद की कमी भूख को प्रभावित करती है। न्यूरोट्रांसमीटर घ्रेलिन और लेप्टिन को भूख के लिए जिम्मेदार माना जाता है। घ्रेलिन भूख को बढ़ावा देता है, और लेप्टिन पूर्ण महसूस करने में योगदान देता है।
शरीर स्वाभाविक रूप से पूरे दिन इन न्यूरोट्रांसमीटर को नियंत्रित रखता है। शोध में पाया गया है कि जिन लोगों को नींद न आने की समस्या होती है उनमें घ्रेलिन की अधिकता और लेप्टिन की कमी पाई गई। यह स्थिति आपको अधिक कैलोरी लेने को मजबूर करती है जिससे तेजी से वजन बढ़ने का खतरा रहता है।
अध्ययन में क्या पता चलता है?
यूनिवर्सिटी ऑफ सिकागो (2004) के एक अध्ययन में पाया गया कि जब लोग केवल 5 घंटे सोते हैं, तो उनके घ्रेलिन का स्तर बढ़ता है और लेप्टिन का स्तर घटता है, जिससे भूख बढ़ती है और ज़्यादा खाना खाने की प्रवृत्ति होती है।
नींद की कमी से मस्तिष्क का प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स कमजोर हो जाता है, जो निर्णय लेने और आत्म-नियंत्रण के लिए जिम्मेदार होता है। इससे लोग ज्यादा फैट और शुगर वाले खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित होते हैं।
वेट लॉस के लिए करें प्रयास
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर आप वजन कम करने की कोशिशों में लगे हुए हैं तो जरूरी है कि स्वस्थ आहार के साथ नियमित व्यायाम और रात की अच्छी नींद पर ध्यान दिया जाए। नियमित व्यायाम करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और यह नींद को सुधारने में भी कारगर हो सकती है। व्यायाम नींद और वजन दोनों के लिए फायदेमंद है, सभी लोगों को दिनचर्या में इसे जरूर शामिल करना चाहिए।
(साभार)
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