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शिक्षक-कर्मचारी संगठनों की राज्य स्वाथ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष , मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ हुई बैठक ये रखे सुझाव

उत्तराखंड

शिक्षक-कर्मचारी संगठनों की राज्य स्वाथ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष , मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ हुई बैठक ये रखे सुझाव

राज्य स्वाथ्य प्राधिकरण उत्तराखंड द्वारा प्राधिकरण मुख्यालय में अध्यक्ष  डी के कोटिया, तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी  अरुणेंद्र चौहान के साथ प्रदेश के शिक्षक-कर्मचारी संगठनों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें SGHS में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की गई ,सभी संगठनों ने अपने अपने सुझाव रखे , जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड की ओर से प्रातीय महामंत्री राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा तथा कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने निम्न सुझाव रखे
1- ओपीडी में इलाज की कैशलेस सुविधा की जाए तथा दवाइयों पर होने वाले व्यय का भी भुगतान किया जाए। 2-कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो कि विधवा हैं ऐसे में सास ससुर के पालन पोषण की जिम्मेदारी उन पर होती है परंतु शासनादेश के अनुसार सास-ससुर को आश्रित में सम्मिलित नहीं किया गया है अतः ऐसी परिस्थिति में सास ससुर को योजना में सम्मिलित किया जाए।
3-पेंशनरों के अंशदान को कम किया जाए।
4-आश्रित की श्रेणी में आने वालों की आयु सीमा समाप्त की जाए।
5 -योजना में जिन अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है उनमें उपलब्ध सभी रोगों के इलाज की सुविधा प्रदान कराई जाए।। इसी तरह कई अस्पताल जो योजना में सूचीबद्ध हैं जब वहां पर मरीज जा रहा है तो उनके द्वारा कहा जा रहा है कि हम योजना में शामिल नहीं हैं जबकि उन अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया हैं ,अतः ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए ।
6-राज्य में पंजीकृत अस्पतालों की संख्या को बढ़ाया जाए मैक्स, कैलाश तथा फोर्टिज जैसे अन्य अस्पतालों को योजना में शामिल किया जाए।
7- जिन अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है वहां भी कम पैकेज के चलते बेहतर सुविधा देने में लापरवाही बरती जा रही है, अतः पैकेज की राशि को बढ़ाया जाए।
8- योजना की वेबसाइट लॉन्च की जाए इसमें योजना से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
9- शिकायतों के निस्तारण को एक सेल का गठन किया जाए।
10- पहाड़ी क्षेत्र के छोटे शहरों के निजी अस्पतालों को भी योजना में सूचीबद्ध किया जाए।
11-जब तक कार्मिकों का गोल्डन कार्ड नहीं बनता तब तक उनके वेतन से कटौती न की जाए।
12-पैथोलॉजी लैबों को भी योजना में सूचीबद्ध किया जाए।
13-आयुर्वेदिक तथा होम्योपैथिक चिकित्सा को भी योजना में शामिल किया जाए।
अंत में प्राधिकरण के अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा तथा शासनादेश में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। बैठक में राजकीय शिक्षक संघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी महासंघ वाहन चालक संघ, सचिवालय संघ, आदि संगठनों ने प्रतिभाग किया।

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Author: Shakshi Negi
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