उत्तराखंड
वैक्सीन न किसी पंथ की है और न किसी राजनीतिक पार्टी की :- बाबा रामदेव
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि वैक्सीन न किसी पंथ की है और न किसी राजनीतिक पार्टी की। वैक्सीन एक वैज्ञानिक शोध है। उन्होंने कहा कि जिनकी इम्यूनिटी पॉवर कम है, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, डायबिटीज है, आयु ज्यादा है, अंग ट्रांसप्लांट कराए हुए हैं, उनको वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए। मेरी तरह जो स्वस्थ हैं, उनको प्रतीक्षा करनी चाहिए।
पतंजलि योगपीठ की स्थापना के 26 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने कहा कि 26 वर्ष पूर्व पंचपुरी हरिद्वार में शून्य से पतंजलि योगपीठ की यात्रा प्रारंभ हुई थी। इन 26 वर्षों में योग, आयुर्वेद और स्वदेशी एक जनांदोलन बना है। आत्मनिर्भर भारत की सबसे बड़ी प्रेरणा पतंजलि योगपीठ बना है। वोकल फोर लोकल का सबसे बड़ा कोई रोल मॉडल आइकोन है, तो वह पतंजलि योगपीठ ही है।किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि मैं जन्म से कृषक पुत्र हूं, कर्म व स्वभाव से कृषि व ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा हूं। देश के अन्नदाता किसान और सरकार के बीच कोई सहमति बननी चाहिए, कोई बीच का रास्ता निकलना चाहिए। किसानों की आड़ लेकर कुछ शरारती तत्व अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे हैं, उनसे किसान आंदोलन को बचना होगा।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उनके 50वें जन्मदिवस में अभी 19 माह शेष हैं। हमारा संकल्प है कि आगामी 19 माह में हम शीर्ष विश्वस्तरीय रिसर्च पेपर्स में लगभग 1100 शोधपत्र प्रकाशित कर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि पतंजलि जल्द ही पीड़ानिल गोल्ड, पीड़ानिल स्प्रे, लीवोग्रीट और लीवामृत एडवांस आदि अनेक प्रामाणिक औषधियों लेकर आ रहा है। कार्यक्रम में साध्वी देवप्रिया, साध्वी ऋतंभरा, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. महावीर, प्रवीन पुनिया, स्वामी परमार्थदेव, अजय आर्य, कविराज मनोहर लाल आर्य, एनपी सिंह आदि मौजूद रहे।
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