उत्तराखंड
Uttarakhand assembly election 2022: क्या प्रत्याशी आंसुओं की हमदर्दी से हासिल करना चाहते है वोट
उत्तराखंड की राजनीति के महारथियों में शुमार डॉ.हरक सिंह रावत को आंसुओं के सहारे हमदर्दी हासिल करने की कोशिश करते अक्सर देखा गया है, पर इस बार के विधानसभा चुनाव में कुछ और नेताओं ने भी रोने के पुराने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए. कुमाऊं के बागेश्वर, नैनीताल, रामनगर से लेकर गढ़वाल तक के कई नेता इन दिनों मतदाताओं और समर्थकों के सामने जमकर आंसू बहा रहे हैं. पर मतदाताओं पर नेताओं के इन आसुओं का कितना असर होगा, यह चुनाव के परिणाम ही बताएंगे.
दरअसल, विधानसभा चुनाव में इस बार जमकर दलबदल हुआ. हर कोई किसी भी तरह चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचने की जुगत में लगा दिखाई दिया. ऐसे में सिर्फ भाषण से मतदाताओं को प्रभावित करना मुमकिन नहीं. इसलिए सहानुभूति वोट हासिल करने का ट्रेंड जोरों पर चल पड़ा है. बागेश्वर में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण, नैनीताल में महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्या और हेम आर्य, रामनगर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी, कालाढूंगी में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री महेश शर्मा, लालकुआं विधानसभा में कांग्रेस का टिकट घोषित होने के बाद फिर टिकट से वंचित रहने वालीं संध्या डालाकोटी मसूरी से कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली ऐसे ही कुछ नाम हैं, जो मतदाताओं और समर्थकों के सामने ही फफक रहे हैं.
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