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क्या आप भी हैं फैटी लिवर की समस्या से परेशान, तो आइये जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय

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क्या आप भी हैं फैटी लिवर की समस्या से परेशान, तो आइये जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय

लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी ने समय के साथ कई बीमारियों के खतरे को बढ़ा दिया है। युवाओं में लिवर की बढ़ती बीमारियां भी इसी का एक उदाहरण हैं। भारत में फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। फैटी लिवर तब होता है जब लिवर में वसा जमा होने लग जाती है, इससे लिवर के लिए ठीक तरीके से अपना काम कर पाना कठिन हो जाता है। कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अभी तक माना जाता था कि जो लोग शराब पीते हैं उनमें इस रोग का खतरा अधिक होता है पर शराब न पीने वालों में भी ये बीमारी बढ़ रही है। इस तरह के फैटी लिवर को नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है।

गड़बड़ लाइफस्टाइल और खान-पान

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भारतीय समाज में अधिकतर लोग अस्वास्थ्यकर आहार और जीवनशैली का शिकार देखे जा रहे हैं। जंक और पैक्ड फूड, अधिक चीनी और वसा से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ा है। पिज्जा, बर्गर, स्नैक्स और मीठे पदार्थों (जैसे कोल्ड ड्रिंक, मिठाइयां) अधिक खाने का कारण है कि फैटी लिवर की समस्या में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

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इसके अलावा ज्यादा समय कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी पर बिताना और व्यायाम या शारीरिक गतिविधि कम होने से भी आप इस रोग का शिकार हो सकते हैं।

फैटी लिवर की पहचान कैसे करें?

फैटी लिवर की समस्या अक्सर बिना लक्षणों के होती है हालांकि जैसे-जैसे ये बढ़ती जाती है, इसके संकेत नजर आने लगते हैं।

फैटी लिवर की समस्या के कारण लिवर के कार्य करने की क्षमता प्रभावित होने से लगती है जिससे शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे में आप रोजमर्रा के कामों में थकावट महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा लिवर में सूजन होने या फैट जमने के कारण पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है। इस तरह की समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।

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बार-बार पीलिया तो नहीं हो रहा?

लिवर में फैट की मात्रा बढ़ने के कारण लिवर ठीक से विषाक्त पदार्थों को साफ नहीं कर पाता, जिससे बिलीरुबिन का स्तर बढ़ता है। इसके कारण त्वचा व आंखें पीली हो जाती हैं। अगर आपको बार-बार पीलिया की समस्या होती रहती है तो इसे गंभीरता से लें और समय रहते उपचार प्राप्त करें। फैटी लिवर का ये मुख्य लक्षण है।

त्वचा पर चकत्ते या खुजली बने रहना भी ठीक नहीं

फैटी लिवर की स्थिति में शरीर में विषाक्त पदार्थों की वृद्धि होने का जोखिम रहता है। ये त्वचा में खुजली या लाल चकत्ते बढ़ाने वाली समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को इसके कारण पेशाब के रंग में गहरापन भी नजर आ सकता है। लिवर की खराबी से शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे हाथ और पैरों में सूजन भी हो सकती है।

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फैटी लिवर से बचाव के उपाय

लाइफस्टाइल और खान-पान को ठीक रखकर आप इस समस्या से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें।
फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें, क्योंकि ये शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं और लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
चीनी और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें। अत्यधिक चीनी और ट्रांस फैट से लिवर पर दबाव पड़ता है।
नियमित व्यायाम जैसे रनिंग-वॉकिंग, साइकिलिंग या तैराकी से शरीर में वसा की मात्रा कम होती है और लिवर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम जरूर करें।
5-10% वजन घटाने से लिवर की फैट में सुधार देखा जा सकता है।
यदि आप शराब पीते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें। शराब का सेवन फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ाता है।

(साभार)

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Author: Shakshi Negi
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