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क्या आपकी उम्र भी है 50 से ज्यादा, तो इन टीकों को जरुर लगवाएं, बीमारियों का खतरा होगा कम
उम्र बढ़ने के साथ कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को कम उम्र से ही सेहत को लेकर सावधान हो जाने की सलाह देते हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती है, मांसपेशियों और हड्डियों की समस्याएं बढ़ जाती है और आप तमाम प्रकार की बीमारियों के चपेट में आते जाते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई जैविक परिवर्तन भी होने लगते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 50 की उम्र हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज, आंखों से कम दिखने का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है।
अगर कम उम्र से ही लाइफस्टाइल और आहार में सुधार कर लिया जाए तो ये भविष्य में होने वाली कई बीमारियों से आपको बचाए रखने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा स्वास्थ्य विशेषज्ञ 50 की उम्र के बाद सभी लोगों को कुछ टीके लगवाने की सलाह देते हैं जो आपको अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
50 की उम्र के बाद वैक्सीनेशन
डॉक्टर बताते हैं, 50 की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करके इन बीमारियों से बचा जा सकता है। समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना भी बहुत जरूरी है, ताकि किसी बीमारी का शुरुआती चरण में ही पता चल सके।
कुछ वैक्सीन्स भी आपकी सेहत को ठीक रखने में मददगार हो सकती हैं।
क्या है विशेषज्ञों की सलाह?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) व इंडियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियंस ऑफ इंडिया के मुताबिक फ्लू व निमोनिया बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए दो बड़े खतरे हैं। इन्हें रोकने के लिए इन्फ्लुएंजा, न्यूमोकोकल वैक्सीन लगवाएं। वहीं जोस्टर वायरस से बचाव के लिए शिंगल्स वैक्सीन लगवा सकते हैं। ये टीके आप कब लगवा सकते हैं और क्या आप इसके लिए पात्र हैं या नहीं, इसके बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
इन्फ्लूएंजा और निमोनिया से बचाव के लिए टीकाकरण
इन्फ्लूएंजा अत्यधिक संक्रामक वायरस है। हर साल इसमें म्यूटेशन देखा जाता रहा है, इसलिए बुजुर्गों को हर साल फ्लू के टीके की जरूरत होती है। 50 की उम्र के बाद ये टीकाकरण जरूर कराएं। मौसम बदलने के साथ होने वाली फ्लू की बीमारी से बचाने में ये वैक्सीन मददगार हो सकती है।
निमोनिया के खतरे से बचाव
निमोनिया के मामले वैसे तो सभी उम्र के लोगों में देखे जाते रहे हैं पर उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा और अधिक हो जाता है। यह फेफड़ों के साथ अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। 50 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए PCV13 टीका उपलब्ध है, जो 13 प्रकार के निमोनिया से बचाव करता है। इस वैक्सीन के दो डोज लगते हैं। न्यूमोकोकल वैक्सीन लगवाने वाले बुजुगों में निमोनिया का खतरा कम होता है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत 50 से 70% घट जाती है।
शिंगल्स वैक्सीन
स्किन पर चकत्ते और खुजली से राहत 50 वर्ष व उससे अधिक उम्र वाले शिंगल्स वैक्सीन के दो डोज दो से छह माह के अंतर से लगवा सकते हैं। इससे जोस्टर वायरस के कारण स्किन पर होने वाले दर्दनाक चकत्ते, पीएचएन व अन्य जटिलताओं से सुरक्षा होगी। चूंकि उम्र बढ़ती है तो प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती जाती है, इससे उम्र दराज लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। ये वैक्सीन संक्रमण की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत को 40 से 70% तक कम कर सकती है।
(साभार)
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