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चुनावी हार के बाद क्या बोले हरीश रावत, मैं एक योद्धा और मुझे अपने हिन्दू होने पर गर्व है…

उत्तराखंड

चुनावी हार के बाद क्या बोले हरीश रावत, मैं एक योद्धा और मुझे अपने हिन्दू होने पर गर्व है…

पराजय के बाद पराजित सेनापति को हमेशा उलाहना और आलोचनाएं सुननी पड़ती हैं, मैं भी एक स्वघोषित ही सही, सेनापति न सही लेकिन एक योद्धा तो हूं ही नं. ढेर सारे लोग जिनमें भाजपा के सोशल मीडिया टीम और कुछ मेरे अति-अति प्रिय दोस्तों की टीम सम्मिलित है, मुझ पर दनादन प्रहार कर रहे हैं.

मैं उनका दिल से आभारी हूं कि, एक पराजित योद्धा को वो इस लायक तो समझ रहे हैं कि अब भी मुझी पर चोट पर चोट की जा रही है और चोट पहुंचाने के लिए भाजपा द्वारा गढ़े हुए झूठों का सहारा लिया जा रहा है. हमारी सरकार ने कभी भी शुक्रवार की नमाज़ की छुट्टी का कोई आदेश नहीं निकाला और राज्य में भी ऐसा कोई आदेश कभी नहीं निकला है और देश में भी कहीं इस प्रकार का आदेश नहीं निकला है. मगर भाजपा ने एक झूठ को फैला दिया. दूसरा झूठ मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने को लेकर के है. मुझसे कभी किसी मुसलमान भाई ने उत्तराखंड तो छोड़िए देश भर के किसी मुसलमान भाई ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी या मुस्लिम कॉलेज खोलने की मांग नहीं की है. मगर यह भी झूठा प्रचार किया गया और लोगों के मन में जहर घोला गया है. झूठ हमेशा कायरों का सहारा होता है.

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इस प्रकार के झूठ गढ़ने वाले कायर हैं-
हमारे एक बहुत प्यारे शुभचिंतक Shailendra Singh Negi जी ने कुछ कहा है और सलाह दी है, उनकी सलाह में एक अव्यक्त दर्द का मुझे आभास होता है. मैं उनकी सलाह के साथ लिपटी हुई आत्मीयता को दूर, देहरादून में भी महसूस कर रहा हूं. शैलेंद्र जी मैं बचपन से ही माँ और पिता जी के बताए हुए भगवान को समझने लग गया था, क्योंकि वो मुझसे हाथ जुड़वाते थे और जब मैं कुछ और अधिक समझने लायक हुआ तो हर दिन मैं अपने घर के मंदिर में घंटी बजाकर अपने टूटे-फूटे शब्दों में और अपनी धीरे-धीरे विकसित होती समझ के अनुरूप कुछ मांगता रहा हूं और आज भी मेरा कोई भी कार्य बिना भगवत पूजा के प्रारंभ नहीं होता है. भगवान शिव, भगवान केदार के रूप में मेरे अराध्य देव हैं और आपदा से ध्वस्त केदार पुरी में मुख्यमंत्री के रूप में जो कुछ मुझसे संभव था, मैं उनके आशीर्वाद से ही कर पाया. गोलज्यू देवता में मेरी आस्था का अनुमान आप मेरे सर पर रोज लगाए जाने वाला गोलज्यू देवता की भभूत से लगा सकते हैं, यह भभूत मेरी शक्ति है. मैं तो कत्यूरियों की आराध्य देवी मां जियारानी का भी प्रातः स्मरण करता हूं और जो कुछ मुझसे हो पड़ा, मां जिया की गुफा के विकास के लिए वह भी मेरे कार्यकाल में हुआ. मैं इन बातों का उल्लेख केवल देव और देव स्थानों के लिए अपनी आस्था को स्पष्ट करने के लिए कर रहा हूं. जब मैं धर्म को समझने लायक हुआ स्वामी विवेकानंद जी ने हिंदू धर्म और सनातन धर्म के विषय में जो कुछ सात समुद्र पार कहा और जो दुनिया को समझाया, वही समझ आज भी मुझसे लिपटी हुई है और मैं उसी रूप में हिंदू धर्म को मानता हूं और समझता हूं और उस पर आस्था रखता हूं.

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Author: Shakshi Negi
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