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उत्तराखंड के 97 पुल खतरे में, 87 जर्जर पुलों की होगी मरम्मत

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उत्तराखंड के 97 पुल खतरे में, 87 जर्जर पुलों की होगी मरम्मत

उत्तराखंड में लगातार बारिश के बाद कुमाऊं के कई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। पुल टूट रहे हैं, सड़के अवरोध हो गई हैं, नदी नाले उफान पर हैं । मीडिया से बातचीत में पीडब्लूडी सचिव डॉ पंकज पांडेय ने बताया की रामनगर में मोहान में जो पुल टूटा है उसकी जानकारी ली गई है। अत्यधिक पानी और मलबे के आने से टूट गया। पुल को पहले भी रिपेयर कराया गया था। हालांकि संवेदनशील नहीं था नहीं तो हम उसे पहले ही बंद करवा देते। रास्ते का वैकल्पिक मार्ग बनाया जा रहा है। डॉ पांडेय ने जानकारी दी की उत्तराखण्ड शासन ने कहीं भी पुल क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए बैली ब्रिज के लिए भी व्यवस्था की है।

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कुमाऊं क्षेत्र के 10 करोड़ से ज्यादा के बैली ब्रिज शासन ने खरीदे हैं । कोटद्वार में पिछले साल क्षतिग्रस्त हुए मालन नदी पुल को रिपेयर किया जा रहा है और इस साल बारिश में क्षतिग्रस्त वैकल्पिक मार्ग को भी बनाया जा रहा है। अन्यपुलों को बनाने में 1 साल का समय लग सकता है । डॉ पांडेय ने जानकारी दी की उत्तराखण्ड में 97 संवेदनशील पुल हैं जिनमें 84 की मरम्मत करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। बाकी पुलों की जांच की जा रही और ज़रूरत के अनुसार बंद भी किया गया है। सचिव पंकज पांडेय ने जानकारी दी उत्तराखण्ड में 200 से ज्यादा लैंडस्लाइड जोन घोषित किये गए हैं। इसके इलावा क्लाउड बर्स्ट और लैंडस्लाइड की वजह से सड़कें बह जाती हैं उनको रिपेयर या नई सड़क बनाई जाती है । आपको बता दें पीडब्लूडी के डेटा अनुसार अब तक 300 से ज्यादा सड़कें बाधित हो चुकी है जिन्हे तेजी से खोला जा रहा है। अलग अलग स्थानों पर 450 जेसीबी लगाई गईं हैं।

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Author: Shakshi Negi
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